Lalu Yadav Cases Updates: RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बिहार चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. IRCTC से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में राउज ऐवन्यू कोर्ट ने तीनों के खिलाफ आरोप तय किए हैं और अब तीनों के खिलाफ ट्रायल चलेगा. कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ तीनों की मौजूदगी में आरोप तय किए और कहा कि धारा 420 और आपराधिक साजिश के तहत मुकदमे चलेगा.
कोर्ट ने लालू यादव को आरोपों के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए जमीन का हक पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को दिया. लालू यादव की जानकारी में सबकुछ हुआ और साजिश रचने में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी बराबर शामिल हुए हैं. वहीं कोर्ट ने लालू यादव से सवाल पूछा कि क्या वे आरोपों को सही मानते हैं या नहीं तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं दोषी नहीं हूं, मैंने कुछ नहीं किया.
#UPDATE | IRCTC hotels corruption case | The Rouse Avenue court frames charges against former Railway Minister Lalu Prasad Yadav, former Bihar CM Rabri Devi, RJD leader Tejashwi Yadav and others.
This case pertains to alleged corruption in the tender of two IRCTC hotels in… https://t.co/VTz3gzjDRZ
— ANI (@ANI) October 13, 2025
क्या है IRCTC होटल घोटाला?
बता दें कि लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान IRCTC के 2 होटल के रखरखाव का कॉट्रैक्ट एक फर्म को देने में गड़बड़ी की गई थी. CBI ने इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी करने, आपराधिक साजिश रचने और करप्शन के आरोप लगाए हैं. वहीं तीनो की ओर से दलील दी गई है कि CBI के पास इस केस में मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं है, लेकिन तीनों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा है कि लालू यादव ने पद का दुरुपयोग करके सरकारी टेंडर की प्रक्रिया में दखल दिया और टेंडर में बदलाव किया.
क्या है लैंड फॉर जॉब केस?
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में भी आज लालू, राबड़ी, तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट आदेश सुना सकती है. CBI का केस है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009 के बीच) बिहार के लोगो को मुंबई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर में ग्रुप डी पोस्ट के लिए नौकरी दी गई. इसकी एवज में नौकरी पाने वाले लोगों ने लालू प्रसाद यादव के परिजनों और परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी के नाम अपनी जमीन ट्रांसफर की थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की जांच कर रहे हैं.