Motihari: सिकरहना. नेपाल के लालबकेया एवं जान नदी के बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के कई गांवों में फैल गया हैं .निचले हिस्से में बसे दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है वही गंवई सड़क व खेत खलिहान पूरी तरह डूब गए है. उक्त दोनों नदियों के सैलाब का पानी भारत नेपाल के बोडर्र पिलर संख्या 347/1 के समीप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है.जिसके कारण ढाका प्रखंड के उत्तरी भाग के बीरता टोला, हीरापुर,गुरहनवा,भवानीपुर,बलुआ,दोस्तिया, अमवा टोला, महंगुआ, तेलहारा, बड़हरवा फतेमहमद सहित कई गांव प्रभावित हैं. बीरता टोला,हीरापुर, गुरहनवा गांव के निचले हिस्से में बसे दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया हैं. बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों एवं परिवारों के साथ गुरहनवा स्टेशन प्लेटफार्म,हीरापुर मध्य विद्यालय सहित अन्य उच्चे जगहों पर शरण लिए हुए हैं.वही गुरहनवा से भवानीपुर,गुरहनवा से हीरापुर,हीरापुर से बीरता टोला व भवानीपुर, गुरहनवा से कुसमहवा जाने वाली सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा हैं.बाढ़ के पानी से इस इलाके में सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसलें पूरी तरह से डूब गई है़.इधर एसडीओ साकेत कुमार, डीएसपी उदय शंकर,बीडीओ डॉ इस्माइल अंसारी, सीओ अर्चिता भारती ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया.सीओ ने बताया कि फिलहाल बीरता टोला, गुरहनवा स्टेशन एवं ढांगर टोली विद्यालय में कम्युनिटी किचेन चालू कर करीब पांच सौ बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की गई हैं. यातायात के लिए नाव की व्यवस्था किया गया है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अन्य बुनियादी चीजें भी जल्द मुहैया कराई जाएगी.
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