भारत की युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ (Kranti Goud) ने महिला क्रिकेट में ऐसा कमाल किया है जिसकी कल्पना भी कुछ महीने पहले तक मुश्किल थी. महज पांच महीने पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाली यह खिलाड़ी अब भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की लीड पेसर बन चुकी हैं. पाकिस्तान के खिलाफ महिला वर्ल्ड कप 2025 (Women World Cup 2025) के अहम मुकाबले में क्रांति ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट झटके और भारत की 88 रन से बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाई.
पाकिस्तान के खिलाफ क्रांति का जलवा
श्रीलंका में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 247 रन बनाए. जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम 159 रन पर ढेर हो गई. इस मैच में क्रांति गौड़ ने न केवल तीन विकेट लिए बल्कि तीन मेडन ओवर भी फेंके. उनकी धारदार गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान की बल्लेबाजी लड़खड़ा गईं. सलामी बल्लेबाज सदफ शमस को अपनी ही गेंद पर कैच करने के बाद क्रांति ने आलिया रियाज और एक अन्य अहम बल्लेबाज को आउट कर भारत की जीत लगभग तय कर दी. क्रांति को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. खास बात यह रही कि यह वही मैदान था जहां उन्होंने इस साल मई में भारतीय टीम के लिए अपना पदार्पण किया था.
क्रांति का गर्व और जज्बा
मैच के बाद क्रांति ने कहा मेरा भारत के लिए डेबयू भी श्रीलंका में हुआ था और आज मैं यहां प्लेयर ऑफ द मैच बनी हूं. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का बात है. मैं बहुत खुश हूं. इसके अलाव मेरे पूरे गांव के लिए भी यह गर्व की बात है. उनके चेहरे पर संतोष और आत्मविश्वास साफ झलक रहा था. क्रांति ने बताया कि उन्हें गेंदबाजी कोच आविष्कार साल्वी ने खास तौर पर लाइन और लेंथ पर ध्यान देने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि वह अपनी मौजूदा गति से सहज हैं लेकिन आने वाले समय में और तेज गेंदबाजी करने पर काम कर रही हैं.
रणनीति और आत्मविश्वास का मेल
क्रांति के आत्मविश्वास की झलक मैदान पर भी दिखी. पाकिस्तान की पारी के दौरान जब कप्तान हरमनप्रीत कौर ने दूसरी स्लिप हटाने का सुझाव दिया, तो क्रांति ने उनसे विनम्रता से कहा कृपया दूसरी स्लिप रख लीजिए. उनकी दृढ़ता रंग लाई, क्योंकि कुछ ही गेंदों के बाद आलिया रियाज का कैच दूसरी स्लिप में ही लपका गया. यह क्षण न सिर्फ मैच का टर्निंग पॉइंट था, बल्कि उनके आत्मविश्वास का प्रतीक भी बन गया.
मध्य प्रदेश से टीम इंडिया तक का सफर
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के छोटे से कस्बे घुवारा से आने वाली क्रांति की कहानी प्रेरणा से भरी है. सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने सपनों का पीछा किया. पिछले साल तक वह महिला प्रीमियर लीग (WPL) में मुंबई इंडियन्स की नेट गेंदबाज थीं. इसी दौरान उनके प्रदर्शन पर यूपी वॉरियर्स की नजर पड़ी और टीम ने नीलामी में उन्हें उनके आधार मूल्य 10 लाख रुपये में खरीद लिया. यही अवसर उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
इंग्लैंड में ऐतिहासिक प्रदर्शन
जब रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर चोटिल हुईं, तो टीम इंडिया में क्रांति को मौका मिला. उन्होंने इस अवसर का शानदार उपयोग किया और इंग्लैंड दौरे पर निर्णायक तीसरे वनडे में छह विकेट झटककर सबको चौंका दिया. उस प्रदर्शन के बाद से वह लगातार टीम की प्रमुख गेंदबाज बनी हुई हैं. क्रांति अब सिर्फ तेज गेंद फेंकने वाली गेंदबाज नहीं, बल्कि भारत की नई स्विंग क्वीन के रूप में देखी जा रही हैं. उनका लक्ष्य है अपनी गति बढ़ाना और टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने में महत्वपूर्ण योगदान देना.
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