Rajgir Cricket Stadium: बिहार के खेल इतिहास में रविवार एक ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे. सिडनी ग्राउंड जैसी भव्यता और बीसीसीआई के मानकों के अनुरूप बनी सुविधाओं से लैस यह स्टेडियम न केवल बिहार के खिलाड़ियों को नई दिशा देगा, बल्कि राज्य को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी के मानचित्र पर मजबूती से खड़ा करेगा. निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही यहां मैचों और प्रैक्टिस की शुरुआत होगी. इस मौके पर राज्य सरकार उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी और खेल सम्मान भी प्रदान करेगी.
तैयार हुआ बिहार का सबसे बड़ा स्टेडियम
राजगीर का यह स्टेडियम 18 एकड़ में फैला है और इसका डिजाइन अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. बीसीसीआई के मानकों पर खरा उतरता यह मैदान न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए तैयार किया गया है.
मुख्य पवेलियन पांच तल का है, जो 14,295 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया गया है. यहां 40 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है. पूरब और पश्चिम दिशा में सामान्य स्टैंड में 13,564-13,564 सीटें हैं, जबकि आरक्षित पवेलियन में 9,926 सीटें होंगी. मुख्य पवेलियन में पांच मंजिला संरचना में 1,846 सीटों की विशेष व्यवस्था की गई है.
राजगीर की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच बना यह स्टेडियम देखने में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड जैसा दिखता है. निर्माण एजेंसियों और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि यह देश के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट स्टेडियमों में गिना जाएगा.
बिहार को मिलेगी इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी, आईपीएल के आयोजन की भी संभावना
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों ने बताया कि इस स्टेडियम के बन जाने से बिहार के क्रिकेटरों को बड़े स्तर पर खेलने का मौका मिलेगा. राज्य में दशकों बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी संभव होगी. यहां न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मैच बल्कि आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंटों के आयोजन की भी संभावना है.
अब तक बिहार में सिर्फ पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में तीन इंटरनेशनल मैच खेले गए हैं. इनमें से दो मैच 1996 वर्ल्ड कप के दौरान हुए थे, जबकि एक 1993 में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच खेला गया था. भारतीय टीम ने अब तक बिहार में एक भी मैच नहीं खेला. ऐसे में राजगीर स्टेडियम बिहार के क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय लिखने जा रहा है.
खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान और सरकारी नौकरी का तोहफा
स्टेडियम उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खिलाड़ियों को बड़ी सौगात भी देने जा रहे हैं. ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना के तहत 87 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का चयन पत्र दिया जाएगा. इनमें 39 महिला और 48 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं. चयनित खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न विभागों में पदस्थापित किया जाएगा.
पुलिस अवर निरीक्षक पद पर 4200 पे ग्रेड में 10 खिलाड़ियों का चयन हुआ है, जिनमें आठ महिला खिलाड़ी शामिल हैं. बाल कल्याण पदाधिकारी के रूप में 5400 पे ग्रेड में एक खिलाड़ी का चयन हुआ है. इसके अलावा निम्नवर्गीय लिपिक में 65 और कार्यालय परिचारी के रूप में 11 खिलाड़ियों को नौकरी मिलेगी.
44 खेलों के 812 खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मान राशि
राज्य सरकार खिलाड़ियों के सम्मान में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही. इस वर्ष 44 खेलों से जुड़े 812 खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और खेल अधिकारियों को सात करोड़ 43 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी. इनमें 152 पैरा खिलाड़ी, 631 खिलाड़ी, 24 प्रशिक्षक, पांच खेल संघ और एक खेल अधिकारी शामिल हैं. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवींद्रण शंकरण ने बताया कि यह सम्मान न सिर्फ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि नई पीढ़ी को खेल की दिशा में प्रेरित करेगा.
बिहार खेल मानचित्र पर मजबूती से उभरने की ओर
राजगीर का यह स्टेडियम बिहार की खेल यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. लंबे समय तक राज्य के खिलाड़ियों को बुनियादी ढांचे की कमी का सामना करना पड़ा. न तो विश्वस्तरीय मैदान था, न प्रैक्टिस की सुविधाएं. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह स्टेडियम और सरकारी समर्थन से खेलों को मिलने वाला प्रोत्साहन बिहार को एक नए खेल युग में प्रवेश दिला सकता है.
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