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शीतल देवी ने रचा इतिहास, वर्ल्ड पारा आर्चरी में गोल्ड मेडल जीतकर मचाया तहलका, तोमन कुमार भी बने चैंपियन


Sheetal Devi won Gold in Para World Archery Championship: भारत की तीरंदाज शीतल देवी ने शनिवार, 27 सितंबर को इतिहास रच दिया. बिना हाथों के ही उन्होंने अपने क्षेत्र का सबसे बड़ा खिताब जीत लिया. ग्वांग्जू में आयोजित पैरा वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए शीतल ने महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया.  शीतल ने तुर्किये की नंबर एक पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से पराजित कर गोल्ड जीता. शीतल स्पर्धा में बिना हाथों वाली एकमात्र पैरा तीरंदाज हैं और निशाना लगाने के लिए अपने पैरों और ठुड्डी का उपयोग करती हैं. यह शीतल का इस प्रतियोगिता में तीसरा पदक है. 

शीतल ने इस गोल्ड से पहले उन्होंने कंपाउंड महिला ओपन टीम फाइनल में तुर्किये से हारकर रजत पदक और कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में तोमन कुमार के साथ कांस्य पदक भी जीता था. शीतल ने तोमन कुमार के साथ मिश्रित टीम में कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम और नाथन मैकक्वीन को 152-149 से हराया था. वहीं कंपाउंड महिला ओपन टीम इवेंट के फाइनल में शीतल और सरिता को तुर्किये के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

व्यक्तिगत फाइनल मुकाबला बेहद कड़ा रहा, लेकिन शीतल पूरे समय संयम बनाए रहीं. शीतल के व्यक्तिगत फाइनल में मुकाबला बेहद तनावपूर्ण था. पहला राउंड 29-29 से बराबरी पर रहा, लेकिन दूसरे राउंड में शीतल ने लगातार तीन 10 अंक के शॉट लगाकर 30-27 से बढ़त बनाई. तीसरा राउंड फिर 29-29 से बराबर रहा. चौथे राउंड में शीतल 28 अंक ही जुटा पाईं जबकि गिर्डी ने 29 अंक बनाकर उस राउंड को जीत लिया, फिर भी शीतल ने 116-114 के स्कोर पर बढ़त बनाए रखी. अंतिम राउंड में उन्होंने तीन सटीक तीरों से 30 अंक बनाकर स्वर्ण पदक पक्का किया.

सेमीफाइनल में भी जम्मू-कश्मीर की इस तीरंदाज ने अपना दबदबा दिखाते हुए ग्रेट ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम को 145-140 से हराया था. फाइनल मुकाबला 2023 के पिलसेन वर्ल्ड चैंपियनशिप का रीमैच था, जहां गिर्दी ने शीतल को 140-138 से मात दी थी. लेकिन इस बार शीतल ने हिसाब बराबर करते हुए खिताबी जीत दर्ज की.

कंपाउंड में चूक गई भारतीय जोड़ी

वहीं कंपाउंड महिला ओपन टीम फाइनल में शीतल और सरिता ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन आखिरकार तुर्किये की जोड़ी ओजनूर क्योर गिर्दी और बुर्सा फात्मा उन से 148-152 से हार गईं. भारतीय जोड़ी ने पहला एंड 38-37 से जीता था और शुरुआती चार तीरों में तीन बार 10 अंक लगाए थे. मगर दूसरे एंड में तुर्किये की जोड़ी ने शानदार वापसी करते हुए स्कोर 76-76 से बराबर कर दिया. लेकिन तीसरे एंड में दबाव में भारतीय तीरंदाज लड़खड़ा गईं और 36 अंक ही जुटा पाईं, जबकि तुर्किये ने 37 बनाए. आखिरी एंड में गिर्दी और उन ने लगभग परफेक्ट खेल दिखाया और 40 में से 39 अंक जुटाए. वहीं भारतीय जोड़ी सिर्फ 36 अंक ही बना सकी, जिसमें एक तीर 7-रिंग में जा लगा, और इस तरह तुर्किये ने 4 अंकों के अंतर से स्वर्ण पदक जीत लिया.

तोमन कुमार भी बने चैंपियन

वहीं इस चैंपियनशिप में भारतीय सफलता का सिलसिला जारी रहा, जब तोमन कुमार ने कंपाउंड पुरुष वर्ग का खिताब अपने नाम किया.  पेरिस पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता राकेश कुमार को तकनीकी समस्या के कारण फाइनल से हटना पड़ा, जिसके चलते तोमन कुमार ने चार सटीक तीरों के साथ खिताब हासिल किया. हालांकि भारत को कंपाउंड पुरुष ओपन वर्ग में थोड़ी निराशा हुई, क्योंकि श्याम सुंदर स्वामी कांस्य पदक प्लेऑफ में ब्रिटेन के नाथन मैकक्वीन से 148-141 से हार गए. इससे भारत के लिए क्लीन स्वीप का मौका चूक गया. सेमीफाइनल में श्याम सुंदर स्वामी को हराकर तोमन कुमार फाइनल में पहुंचे थे. इस तरह भारत ने विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में कुल पांच पदक अपने नाम कर शानदार प्रदर्शन जारी रखा.

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