Bihar News: बिहार के बांका जिले के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत डुमरामा मोहल्ले की महिलाओं के साथ बड़ा छल हुआ है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का भरोसा दिलाकर दर्जनों महिलाओं से पैसे वसूले गए.
महिलाओं का आरोप है कि संध्या भट्टाचार्य नाम की महिला ने प्रत्येक से 1000 रुपये लिए और बदले में योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया. लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ, उल्टा धमकियां मिलनी शुरू हो गईं. अब मामला प्रखंड मुख्यालय तक पहुंच गया है और बीडीओ ने जांच के आदेश दिए हैं.
योजना के नाम पर विश्वासघात
डुमरामा मोहल्ले की महिलाएं शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय पहुंचीं और ठगी का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया. उनका कहना था कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10,000 रुपये की सहायता राशि दिलाने के नाम पर उनसे 1000-1000 रुपये वसूले गए. आरोपी महिला ने चार दिन में पैसे खातों में आने का भरोसा दिया था, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं मिला.
जब महिलाएं आश्वासन के मुताबिक पैसे न मिलने पर आरोपी संध्या भट्टाचार्य से पूछताछ करने गईं, तो हालात और बिगड़ गए. महिलाओं का कहना है कि संध्या ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि राजनीतिक रसूख का हवाला देकर धमकी दी कि अगर ज्यादा सवाल उठाए तो झूठे मुकदमे में फंसा देगी. इससे महिलाएं और ज्यादा आक्रोशित हो गईं और सीधे बीडीओ के पास पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराईं.
आरोपी का पक्ष और विवाद
संध्या भट्टाचार्य ने खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ये आरोप निराधार और दुर्भावना से प्रेरित हैं. उन्होंने साफ किया कि मोहल्ले की कुछ महिलाएं उन्हें जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं. वहीं, पीड़ित महिलाएं कह रही हैं कि संध्या पहले भी इस तरह की ठगी कर चुकी है और उसका राजनीतिक समर्थन होने के कारण लोग उसके खिलाफ खुलकर सामने नहीं आते.
महिलाओं के आरोप और हंगामे के बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है. बीडीओ प्रतीक राज ने जीविका बीपीएम को जांच के निर्देश दिए हैं. साथ ही पीड़ित महिलाओं को थाने में लिखित आवेदन देने की सलाह दी गई है, ताकि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि अगर आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी.
ठगी का शिकार महिलाएं
इस मामले में कई महिलाएं सामने आई हैं, जिनमें बेबी देवी, सुलेखा देवी, आशा देवी, मंजू देवी और सोनी देवी शामिल हैं. इनके अलावा मोहल्ले के अन्य लोग भी आरोपी के खिलाफ गवाही देने को तैयार हैं. महिलाओं ने कहा कि रोजगार योजना उनके लिए बड़ी उम्मीद थी, लेकिन इस तरह की ठगी से उनका भरोसा टूटा है.
यह घटना सिर्फ ठगी का मामला नहीं है, बल्कि सरकार की योजनाओं पर लोगों के भरोसे के लिए भी चुनौती है. गरीब और जरूरतमंद महिलाएं इस उम्मीद से पैसे देती हैं कि उन्हें योजना का लाभ मिलेगा और वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी. लेकिन ऐसे मामले सामने आने से योजनाओं की साख पर सवाल उठना लाजमी है.
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