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कैंटोनमेंट बोर्ड को आधुनिक बनाने का काम करेगी सरकार


Defense: देश के कई शहरों में रक्षा प्रतिष्ठान है और उस इलाके में कैंटोनमेंट बोर्ड होता है. रक्षा मंत्रालय की कोशिश देश के सभी कैंटोनमेंट बोर्ड को स्मार्ट, ग्रीन और सतत शहरी इकोसिस्टम का हिस्सा बनाने का है. सरकार देश को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया और इस लक्ष्य को वर्ष 2035 तक हासिल करने की दिशा में काम कर रही है. रक्षा मंत्रालय कैंटोनमेंट बोर्ड को आधुनिक बनाकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देना चाहता है. 

गुरुवार को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ डिफेंस एस्टेट की ओर से आयोजित दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि इंडियन डिफेंस एस्टेट सर्विस के अधिकारी दोहरी भूमिका का सही तरीके से पालन कर रहे है. वे देश में सेना के 18 लाख एकड़ भूमि का प्रबंधन करने के साथ ही देश में फैले 61 कैंटोनमेंट क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के कल्याण के लिए भी काम कर रहे हैं.

उन्होंने सैन्य अधिकारियों से कैंटोनमेंट क्षेत्र का विकास आधुनिक शहर के तौर पर करने, इलाके में मौजूद व्यवस्था को हर समय अपग्रेड करने और नागरिकों के लिए सेवा मुहैया कराने की सुविधा को पारदर्शी और त्वरित बनाने की अपील की. इस क्षेत्र के लोगों को डिजिटल सेवा मुहैया कराना चाहिए ताकि लोगों को घर जाने के लिए बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके. 

सेवा बेहतर करने के लिए तकनीक का हो प्रयोग

रक्षा मंत्री ने कहा कि कैंटोनमेंट की भावी योजना बनाने में वहां रहने वाले लोगों की भागीदारी होनी चाहिए. हमें कैंटोनमेंट बोर्ड को आधुनिक, पारदर्शी और जवाबदेह संस्थान बनाना चाहिए ताकि समय के साथ लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके. कैंटोनमेंट में रहने वाले लोगों को सबसे अच्छी सुविधा और शिकायतों के त्वरित निपटान की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों के ईज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाने के लिए तकनीक का प्रयोग करना जरूरी है. 

डिजिटल प्लेटफार्म जैसे ई-छावनी 2, शिकायत निवारण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग, बहुभाषा की सुविधा और स्मार्ट हेल्थ सुविधा पर जोर देना होगा. खासकर इलाके के गरीबों के कल्याण को विशेष प्राथमिकता देते हुए कैंटोनमेंट में स्मार्ट पावर सिस्टम, गैर परंपरागत ऊर्जा ग्रिड, ईवी चार्जिंग हब, वेस्ट टू-एनर्जी प्लांट और एआई आधारित सर्विलांस सिस्टम होना जरूरी है. साथ ही कैंटोनमेंट का वित्तीय तौर पर स्वायत्त होना चाहिए. इसके लिए सरकार पूरा सहयोग देगी. 

रक्षा मंत्री ने कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में ई-कनेक्ट के तहत छोटे व्यापार, स्टार्टअप को बढ़ाने पर जोर दिया. मौजूदा समय में पर्यावरण एक बड़ी समस्या है. हरित क्षेत्र का आकार लगातार कम हो रहा है. ऐसे में कैंटोनमेंट को यह दिखाना होगा कि विकास और पर्यावरण एक साथ काम कर सकते हैं. कार्यक्रम में  वायु सेना प्रमुख एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, डायरेक्टर जनरल ऑफ डिफेंस एस्टेट शैलेंद्र नाथ गुप्ता और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.