PAK vs UAE, Asia Cup 2025: पाकिस्तान की 35 साल पुरानी यादें ताजा, भारत से मिली हार के बाद फिर हुई फजीहत
PAK vs UAE, Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम की फजीहत लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. भारत से करारी हार के बाद हाथ न मिलाने के विवाद ने पाकिस्तान को इतना शर्मसार कर दिया कि उसने टूर्नामेंट का माहौल ही बिगाड़ने की कोशिश कर डाली. मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर उंगली उठाकर और उन्हें हटाने की मांग करके पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि हार पचाना उसके लिए आसान नहीं है. यूएई के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच से पहले भी पाकिस्तान ने खूब ड्रामा किया टीम देर से मैदान पहुंची और मैच से नाम वापस लेने की धमकी दी. हालांकि, नाम वापसी की नौबत नहीं आई. दिलचस्प यह है कि ठीक 35 साल पहले भी पाकिस्तान ने एशिया कप से अपना नाम वापस लिया था और तब भी वजह भारत ही बना था.
IND vs PAK मैच में हाथ न मिलाने का विवाद
14 सितंबर 2025 को भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत एशिया कप के ग्रुप स्टेज में हुई. यह मुकाबला पहले से ही हाई-वोल्टेज था क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों टीमें पहली बार आमने-सामने आई थीं. भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को 7 विकेट से मात दी. हार से ज्यादा पाकिस्तान के लिए अपमानजनक यह रहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के बाद उनके खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया. यही बात पाकिस्तान को नागवार गुज़री और इसके बाद पूरा विवाद खड़ा हो गया.
एंडी पायक्रॉफ्ट पर क्यों भड़का पाकिस्तान?
हार और हाथ न मिलाने के विवाद के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने सीधा निशाना मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर साधा. PCB ने आईसीसी को पत्र लिखकर मांग की कि पायक्रॉफ्ट को तुरंत टूर्नामेंट से हटाया जाए. पाकिस्तान का आरोप था कि रेफरी ने स्पिरिट ऑफ क्रिकेट की धज्जियां उड़ाई हैं. PCB ने यहां तक धमकी दे दी कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे यूएई के खिलाफ मैच नहीं खेलेंगे और एशिया कप से हट जाएंगे. हालांकि, यह सिर्फ दबाव बनाने की रणनीति साबित हुई.
UAE के मैच से पहले ड्रामा
UAE के खिलाफ अहम मुकाबले से पहले पाकिस्तान टीम ने खूब नाटक किया. टीम समय पर मैदान पर नहीं पहुंची और होटल में रुककर आयोजकों पर दबाव बनाने की कोशिश की. यह संदेश देने की कोशिश की गई कि वे मैच से नाम वापस ले सकते हैं. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, PCB पर दबाव बढ़ा और आखिरकार टीम मैदान पर उतरी. हालांकि, इस हरकत ने पाकिस्तान की छवि और खराब कर दी और दुनिया भर में उनकी आलोचना हुई.
एशिया कप की 35 साल पुरानी कहानी
पाकिस्तान का यह रवैया नया नहीं है. 1990-91 में खेले गए चौथे एशिया कप से भी पाकिस्तान ने अपना नाम वापस ले लिया था. उस समय राजनीतिक कारणों से उसने भारत के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया था. नतीजा यह हुआ कि टूर्नामेंट सिर्फ तीन टीमों भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेला गया. राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेले गए इस एशिया कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच हुआ, जिसमें भारत ने 7 विकेट से जीत हासिल की. यह भारत का लगातार दूसरा और कुल तीसरा एशिया कप खिताब था. यानी पाकिस्तान की हटधर्मिता ने उसे तब भी नुकसान पहुंचाया और अब भी वही कहानी दोहराई जा रही है.
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