एशियन क्रिकेट में पैसे का बंटवारा कैसे होता है, अगर पाकिस्तान Asia Cup से बाहर हुआ तो उसका नुकसान कितना? जानें पूरी डिटेल
How Money is distributed in Asian Cricket Council: पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ मैच के बाद हैंडशेक विवाद को बड़ा मुद्दा बना दिया. उसने आईसीसी से शिकायत तो की ही, एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) से हटने की धमकी भी दे दी. शर्त यह रखी कि भारत-पाक मैच के दौरान रेफरी रहे एंडी पायक्राफ्ट को हटाया जाए. हालांकि आईसीसी ने इस धमकी पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को सीधा सा जवाब दिया कि रेफरी ने नियम विरुद्ध कुछ भी नहीं किया. पायक्रॉफ्ट पर आईसीसी शायद ही कोई निर्णय ले, वहीं पाकिस्तान ने अगर अपनी धमकी पर कायम रहने का फैसला लिया, तो उसके लिए यह करोड़ों डॉलर के राजस्व नुकसान का सबब बन सकता है.
पाकिस्तान को केवल रूपये का नुकसान मात्र ही नहीं होगा, एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) में उसकी वित्तीय स्थिरता भी खतरे में पड़ सकती है. इसके साथ-साथ यह संभावित फैसला पाकिस्तान के प्रसारण सौदों और स्पॉन्सरशिप से होने वाली बड़ी कमाई पर सीधा असर डालेगा. पाकिस्तान क्रिकेट टीम अगर अपनी मांग पर अड़ी रहती है, तो उसे 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राजस्व का नुकसान करा सकती है, यानी सीधा-सीधा 130-140 करोड़ रूपये की कमाई से हाथ धो बैठेगा.
Asian Cricket Council में कैसे होता है पैसों का बंटवारा?
दरअसल एशियन क्रिकेट काउंसिल की सालाना राजस्व वितरण व्यवस्था के अनुसार पांच टेस्ट खेलने वाले देशों उसी हिसाब से पैसे मिलते हैं. एशियन क्रिकेट काउंसिल का बजट 227 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसी बजट से भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को 15-15 प्रतिशत हिस्सा मिलता है, जो कुल 75 प्रतिशत है. बाकी 25 प्रतिशत सहयोगी सदस्य देशों के बीच बांटा जाता है. राजस्व के स्रोतों में प्रसारण सौदे, प्रायोजन और टिकट बिक्री शामिल हैं. इसके तहत पीसीबी को केवल इस एशिया कप 2025 से ही 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाने की उम्मीद थी. सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया ने 2024 से 2031 की अवधि के लिए एसीसी के साथ 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आठ साल का सौदा किया है, जिसमें महिला एशिया कप और अंडर-19 पुरुष एशिया कप के प्रसारण अधिकार भी शामिल हैं.
क्या पाकिस्तान उठा सकता है इतना बड़ा जोखिम
पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी ने भारत-पाकिस्तान मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाक खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने को लेकर उठे विवाद में पाइक्रॉफ्ट की आलोचना की थी. आईसीसी ने पाइक्रॉफ्ट को हटाने की पीसीबी की मांग ठुकरा दी है. लेकिन क्या नक़वी पाकिस्तान को 227 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित बजट में से करीब 16 मिलियन डॉलर खोने का जोखिम उठा सकते हैं? यह पीसीबी की सालाना आय का लगभग सात प्रतिशत होगा. यह उनके लिए बेहद खतरनाक स्थिति होगी.
अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से हटता है, तो एसीसी के बोर्ड रूम में उसकी स्थिति भी कमजोर हो जाएगी और संभव है कि उसे सालाना 15 प्रतिशत हिस्सेदारी पर भी असर पड़े. एसीसी प्रमुख के रूप में नकवी की भूमिका भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी क्योंकि आधिकारिक प्रसारक सहमति अनुसार भुगतान करने से इनकार कर सकता है. भारत-पाकिस्तान मैच से भारी राजस्व मिलता है और पाकिस्तान के हटने से प्रसारक को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि इन मुकाबलों के लिए विज्ञापन स्लॉट प्रीमियम दरों पर बेचे जाते हैं.
यूएई के खिलाफ जीत होगी जरूरी
ऐसे हालात में पाकिस्तान के पास विकल्प बेहद सीमित हैं और नुकसान ज्यादा है, फायदा कम. हालांकि पाकिस्तान को मुंह बचाने का रास्ता दिया जा सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान बनाम यूएई मैच में पाइक्रॉफ्ट को आराम दिया जा सकता है और उनकी जगह रिची रिचर्डसन रेफरी की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. वहीं पाकिस्तान के लिए यूएई के खिलाफ मैच भी अहम होगा, अगर वह जीतेगा तभी सुपर 4 के लिए क्वालिफाई कर सकता है, जबकि हार की स्थिति में उसका सफर लीग स्टेज में ही समाप्त हो जाएगा.
ये भी पढ़ें:-
एशिया कप में पाकिस्तान की किस्मत का फैसला आज, क्या यूएई के खिलाफ खेलेगा मैच? सामने आया बड़ा अपडेट
अगरकर की टीम में प्रझान ओझा और आरपी सिंह की हो सकती है एंट्री, BCCI की कमेटी में अक्टूबर से होंगे शामिल
अपोलो टायर्स से करार के बाद BCCI को एक मैच से कितनी कमाई होगी? ढाई साल के लिए बना टीम इंडिया का स्पांसर