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भावी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना का तकनीकी तौर पर सशक्त होना जरूरी


Defense: मौजूदा समय में युद्ध का तरीका पूरी तरह बदल चुका है. सेना को परंपरागत युद्ध के तरीकों से इतर अदृश्य खतरों जैसे सूचना, वैचारिक, इकोलॉजिकल, बायोलॉजिकल युद्ध के निपटने के लिए तैयार रहना होगा. वैश्विक स्तर पर सुरक्षा के हालात लगातार बदल रहे हैं और इसका देश की सुरक्षा पर पड़ने वाले असर का आकलन सेना को करना चाहिए. 

कोलकाता में आयोजित 16वें संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) 2025 को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध की प्रकृति लगातार बदल रही है और हालिया वैश्विक युद्ध से साबित होता है कि सेना को तकनीकी तौर पर सशक्त होना कितना जरूरी है. मौजूदा समय में युद्ध होने का अंदाजा लगाना मुश्किल है. साथ ही युद्ध की समाप्ति के बारे में आकलन करना और भी कठिन हो गया है. युद्ध दो महीने, एक साल या पांच साल तक भी चल सकता है और इसके लिए सेना को हमेशा तैयार रहना होगा. 

सेना को तत्काल कार्रवाई करने के साथ लंबा युद्ध लड़ने के लिए क्षमता विकसित करनी होगी. रक्षा मंत्री ने देश के रक्षा क्षेत्र को आक्रामक और रक्षात्मक क्षमता से लैस करार देते हुए कहा कि सेना को देश की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र तैयार करने की दिशा में मिलकर काम करना होगा. प्रधानमंत्री की देश को सुरक्षित बनाने की सोच को पूरा करने का काम सेना पर है. इसके लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है ताकि सुदर्शन चक्र योजना को तय योजना और समय में पूरा किया जा सके. 


ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया ने देखी भारतीय सैन्य ताकत

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने सेना की ताकत, रणनीति और आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन दुनिया के सामने किया. ताकत, रणनीति और आत्मनिर्भरता भारतीय सेना को 21वीं सदी में महान ताकत के तौर पर स्थापित करने का काम करेगी. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने दिखाया है कि भारत स्वदेशी निर्मित उपकरणों से किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई करने में सक्षम है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारतीय सेना ने दुनिया के सामने अपने साहस और शौर्य का शानदार परिचय दिया है. 

उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के बीच आपसी तालमेल और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बेहद जरूरी है. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.