Operation Sindoor ‘भारत ने कभी नहीं माना मध्यस्थता का प्रस्ताव’, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बड़ा खुलासा
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के करीब चार महीने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बड़ा खुलासा किया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से दोनों देश के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की संभावना पर बात की थी. इस पर रुबियो ने साफ कर दिया था कि भारत किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा. क्योंकि, भारत इसे हमेशा से भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला मानता है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से इसपर बात की थी, इस पर रुबियो ने साफ कर दिया था कि भारत युद्धविराम के लिए किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा.
पाकिस्तान चाहता था तीसरे पक्ष की मध्यस्थता
अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में इशाक डार ने खुलासा करते हुए कहा कि रुबियो ने साफ कर दिया था कि भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार मध्यस्थता का दावा कर चुके हैं. लेकिन डार ने ट्रंप के दावे को गलत साबित कर दिया. उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भारत के साथ तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर पूछा था तो उन्होंने इस बात से यह कहकर मना कर दिया था कि भारत इसके लिए राजी नहीं है, वो इसे भारत-पाकिस्तान का
द्विपक्षीय मामला मानता है.
भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से किया इनकार
इशाक डार ने इंटरव्यू में कहा कि 10 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने कहा था कि बहुत जल्द भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होगी. डार ने बताया कि इसके बाद अमेरिका में जब जुलाई महीने में उनकी रुबियो से मुलाकात हुई तो उन्होंने साफ कर दिया था कि भारत इसे द्विपक्षीय मामला मानता है, उसने तीसरे पक्ष की किसी भी तरह की भूमिका से मना कर दिया है.
बातचीत के लिए तैयार है पाकिस्तान- डार
अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बताया कि पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हर तरह से बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर भारत भी बातचीत करना चाहता है तो हम इससे हमें खुशी होगी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ बातचीत पर भारत का रुख साफ करते हुए कहा था कि बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते.