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एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, वंदे भारत के अलावा पूर्णिया को ये भी मिले हैं गिफ्ट, पगडंडियों से लेकर हवाई सफर तक की कहानी


Bihar News: उपन्यासकार और कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु ने अपनी किताब ‘मारे गए गुलफाम’ में ‘हीरामन की बैलगाड़ी’ का जिक्र किया था. इसके साथ ही ‘मैला आंचल’ में बिहार के पूर्णिया जिले की वास्तविक तस्वीर को दिखाया था. इस वक्त फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियां इस वजह से याद आ रही है क्योंकि तब के पुरैनिया और अब के पूर्णिया की सूरत बदल गई है.

कभी बदहाली की मार झेल रहा था पूर्णिया

दरअसल, लगभग 20 साल पहले पूर्णिया की पहचान गरीबी, बदहाली, गांव की धूल भरी सड़कें और उस पर चलती बैलगाड़ी, कुछ ऐसी ही जिले की पहचान थी. लेकिन, अब पूर्णिया की पहचान बदल गई है. एनडीए की सरकार जिले को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है. एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, वंदे भारत के अलावा कई बड़ी सौगातें सरकार ने पूर्णिया जिले को दी.

पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की सौगात

पूर्णिया में रोड कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार की बेहद खास सड़क परियोजनाओं में शुमार पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा दे दिया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी कर इसे नेशनल एक्सप्रेसवे-9 (एनई-9) घोषित किया गया है. खास बात यह है कि यह बिहार का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जो पूरी तरह राज्य की सीमाओं के भीतर बनेगा.

नये टर्मिनल भवन का उद्घाटन

सोमवार को पीएम मोदी ने पूर्णिया एयरपोर्ट के नये टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. पटना, गया, दरभंगा के बाद पूर्णिया बिहार का चौथा एयरपोर्ट होगा, जहां से कामर्शियल फ्लाइट की सेवा मिलेगी. पूर्णिया से हवाई सेवा की शुरुआत होने पर पूर्णिया के साथ-साथ कोसी, भागलपुर, पश्चिम बंगाल और नेपाल के करीब दो करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाएं और तरक्की का रास्ता खुलेगा.

वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन की सौगात

इसके साथ ही पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पूर्णिया जंक्शन से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ऐतिहासिक मौके पर सांसद खुद वंदे भारत ट्रेन से बनमनखी तक का सफर तय कर जनता की खुशी में शामिल हुए. अपने संबोधन में सांसद ने कहा कि यह क्षण पूर्णिया, सीमांचल और कोशी के लोगों की ताकत, संघर्ष और लंबे संकल्प का परिणाम है. यह वही जुनून है, जिसने दशकों से लोगों के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त किया है.

जिले में डेवलपमेंट को बढ़ावा

इन सबके अलावा अन्य कई परियोजनाओं की सौगात पूर्णिया को दी गई. ऐसे में 20 सालों में पूर्णिया की सूरत पूरी तरह से बदल गई है. अभी और भी सौगातें जिले को मिलने वाली है. जिससे लोगों के बीच खुशी का माहौल है. अब लोग बैलगाड़ी नहीं बल्कि हवाई सफर करेंगे. पूर्णिया से कोलकाता 70 मिनट में, पूर्णिया से अहमदाबाद 2 घंटे में और पूर्णिया से दिल्ली भी बहुत कम समय में पहुंच जाएंगे. इस तरह से जिले में लगातार डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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