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‘बाइडेन ने गुंडे छोड़ दिए…’, भारतीय मूल के चंद्र नागमल्लैया की सरेआम हत्या पर ट्रंप का फूटा गुस्सा


Trump Slams Biden Over Indian Chandra Nagamallaiah: अमेरिका के टेक्सस राज्य का डलास. तारीख थी 10 सितंबर. जगह एक छोटा-सा मोटल. रात के वक्त जो कुछ वहां हुआ, उसने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरी कम्युनिटी को सदमे में डाल दिया. 41 साल के भारतीय मूल के चंद्र नागमल्लैया का सरेआम कत्ल और सिर कलम कर दिया गया. वह भी उनके अपने परिवार – बीवी और बेटे की आंखों के सामने. और आरोपी? योरदानिस कोबोस-मार्टिनेज, 37 साल का शख्स, जो क्यूबा से गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में घुसा था और जिसका क्रिमिनल रिकॉर्ड पहले से लंबा-चौड़ा था. यही मामला अब अमेरिका की राजनीति में भी गरमा गया है.

Trump Slams Biden Over Indian Chandra Nagamallaiah: वारदात का खौफनाक मंजर

डलास के Downtown Suites Motel, Samuell Boulevard में घटा यह खून से लथपथ हादसा दिल दहला देने वाला है. मैनेजर चंद्र नागमल्लैया पर आरोपी ने अचानक माचेते (तेज हथियार) से हमला कर दिया. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखता है कि किस तरह वह उन पर टूट पड़ता है. नागमल्लैया की पत्नी और 18 वर्षीय बेटा यह सब अपनी आंखों से देखते रहे, लेकिन कुछ कर नहीं पाए. बार-बार वार करने के बाद आरोपी ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया और उसे पार्किंग में घसीटते हुए कूड़ेदान में फेंक दिया.

Dallas Murder By Illegal Immigrant: आरोपी कौन है?

इस वारदात का जिम्मेदार योरदानिस कोबोस-मार्टिनेज (उम्र 37, क्यूबा) है. वह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा था. उसके पुराने रिकॉर्ड चौंकाने वाले हैं – बच्चों के साथ यौन शोषण, ऑटो चोरी और फॉल्स इम्प्रिजनमेंट यानी जबरन बंधक बनाने के गंभीर केस उसके खिलाफ पहले से दर्ज थे. इतने अपराधों के बावजूद वह अमेरिका में आजाद घूम रहा था. यही सबसे बड़ा सवाल है कि सिस्टम इतना लापरवाह क्यों रहा?

ट्रंप का गुस्सा और बाइडेन पर वार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हत्या पर सबसे तेज प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि डलास के चंद्र नागमल्लैया को एक illegal alien from Cuba ने परिवार के सामने बेरहमी से मार दिया. यह व्यक्ति कभी हमारे देश में होना ही नहीं चाहिए था. मेरी सरकार ऐसे अपराधियों पर नरमी नहीं दिखाएगी. ट्रंप ने सीधा आरोप लगाया कि आरोपी को जेल से छोड़ने के लिए बाइडेन प्रशासन जिम्मेदार है. उनका कहना था कि क्यूबा ने उसे वापस लेने से इनकार किया, लेकिन बाइडेन की “निकम्मी सरकार” ने खुलेआम गुंडे छोड़ दिए और कभी उस पर सख्ती नहीं की.

DHS और ICE की सफाई

घटना के बाद, अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) और आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) हरकत में आ गए. डीएचएस ने कहा कि आरोपी को देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डीएचएस की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघली ने भी माना कि यह घटना “टाली जा सकती थी”. जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 में, आरोपी को डलास के ब्लूबोनेट डिटेंशन सेंटर से पर्यवेक्षण आदेश पर रिहा कर दिया गया था.

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बड़ा सवाल

डलास की इस वारदात ने अमेरिका में इमिग्रेशन पॉलिसी पर नई बहस छेड़ दी है. एक तरफ मेहनतकश इंसान चंद्र नागमल्लैया, जो परिवार के लिए काम कर रहा था, और दूसरी तरफ एक अपराधी जिसे सिस्टम की चूक और राजनीतिक खींचतान की वजह से खुला घूमने का मौका मिला. नतीजा यह हुआ कि एक परिवार उजड़ गया. ट्रंप इस घटना को अपने एंटी-इमिग्रेशन एजेंडे का हथियार बना रहे हैं और बाइडेन सरकार बचाव की मुद्रा में है. मगर असली सवाल वहीं है – अगर सही समय पर सख्ती बरती जाती, तो क्या चंद्र नागमल्लैया आज जिंदा होते?

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