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Hyundai Factory Raid: ह्युंडई फैक्ट्री पर जॉर्जिया में छापा, ट्रंप ने दी चेतावनी


Hyundai Factory Raid: जरा सोचिए कि अरबों डॉलर की फैक्ट्री, चमचमाते रोबोट, बैटरियों और चिप्स बनाने वाली टेक्नॉलजी, और उस पर मेहनत कर रहे विदेशी इंजीनियर. फिर अचानक पुलिस आती है और सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले जाती है. ठीक ऐसा ही हुआ अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में. यहां ह्युंडई की बैटरी फैक्ट्री पर छापा पड़ा और करीब 475 दक्षिण कोरियाई नागरिकों को पकड़ लिया गया. यहीं से शुरू हुई एक नई खींचतान. विदेशी वर्कर्स बनाम अमेरिकी पॉलिसी. और इसी पर सामने आया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान.

Trump Warning Investment Risk: ट्रंप का बड़ा तर्क- ‘दरवाजा बंद मत करो

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लंबा पोस्ट लिखा. उनका कहना है कि अगर अमेरिका सच में टेक्नॉलजी और इंडस्ट्री के मामले में आगे रहना चाहता है, तो विदेशी कंपनियों को अपने एक्सपर्ट वर्कर्स साथ लाने देना होगा. “जब विदेशी कंपनियां अमेरिका में अरबों डॉलर का इन्वेस्टमेंट लेकर आती हैं और कॉम्प्लेक्स प्रॉडक्ट बनाती हैं, तो उन्हें कुछ समय के लिए अपने एक्सपर्ट्स लाने चाहिए ताकि वे यहां के लोगों को ट्रेनिंग दे सकें. अगर हम यह रोकेंगे तो ऐसा निवेश कभी आएगा ही नहीं.”

उन्होंने उदाहरण भी दिया जैसे कि शिपबिल्डिंग का. बोले, “कभी अमेरिका में रोज एक जहाज बनता था. अब साल भर में एक भी मुश्किल से तैयार होता है.” ट्रंप का सीधा कहना है कि निवेश चाहिए तो विदेशी दिमागों का भी स्वागत करना होगा.

कोरिया का पलटवार- ‘इन्वेस्टमेंट रोक देंगे

छापे और हिरासत की खबर साउथ कोरिया तक पहुंची. वहां के राष्ट्रपति ली जे म्यूंग ने कड़ा बयान दिया. उन्होंने साफ कहा है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो हमारी कंपनियां अमेरिका में निवेश करने से पीछे हटेंगी. ली ने वॉशिंगटन से अपील भी की कि वीजा नियम आसान किए जाएं, ताकि कोरियाई वर्कर्स बिना डर के वहां प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकें. यानि अमेरिका में छापे का असर अब सीधे-सीधे इन्वेस्टमेंट पर दिखने लगा है.

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Hyundai Factory Raid: डिप्लोमैटिक डैमेज कंट्रोल

मामला इतना गर्म हुआ कि इसे संभालने के लिए अमेरिका का विदेश मंत्रालय भी एक्टिव हो गया. सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने साउथ कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्युन से मुलाकात की. इसके बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने बयान दिया कि अमेरिका कोरियाई निवेश का स्वागत करता है. खासकर शिपबिल्डिंग और अन्य रणनीतिक उद्योगों में. इससे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग मजबूत होती है और दोनों देशों की ट्रेड पार्टनरशिप बराबरी पर टिकती है.

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तस्वीर साफ है

छापे ने हलचल मचाई दी है. ट्रंप विदेशी एक्सपर्ट्स के पक्ष में खड़े हो गए. कोरिया ने चेतावनी दी कि निवेश रुक सकता है. और अब मामला कूटनीतिक बातचीत से सुलझाने की कोशिश में है. अमेरिका के लिए यह दोधारी तलवार है. एक तरफ घरेलू सियासत है, जहां विदेशी वर्कर्स पर सख्ती दिखाने का दबाव है. दूसरी तरफ, विदेशी निवेश को बचाना है, वरना अरबों डॉलर और हजारों नौकरियां हवा हो सकती हैं.