PM Modi Assam Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में असम बायोएथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन किया. इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने पॉलीप्रोपाइलीन संयंत्र की आधारशिला भी रखी. जो असम के पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
संयंत्र शून्य अपशिष्ट पैदा करेगा, 50000 से अधिक लोगों को होगा लाभ
अधिकारियों ने बताया कि बांस के पौधे के सभी हिस्सों का इस्तेमाल करने वाला यह संयंत्र ‘शून्य अपशिष्ट’ पैदा करेगा और इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को 200 करोड़ रुपये का बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. अधिकारियों के मुताबिक, यह संयंत्र पूर्वोत्तर के चार राज्यों से पांच लाख टन हरा बांस प्राप्त करेगा, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50,000 से अधिक लोगों को लाभ होगा.
नॉर्थ ईस्ट में मुझे अद्भुत प्यार और स्नेह मिलता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…मैं पिछले दो दिनों से नॉर्थ ईस्ट में हूं. जब भी मैं नॉर्थ ईस्ट आता हूं, मुझे अभूतपूर्व प्यार और आशीर्वाद मिलता है. विशेषकर असम के इस क्षेत्र में मुझे जो प्यार और स्नेह मिलता है, वह अद्भुत है. मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. विकसित असम, विकसित भारत की गौरवशाली यात्रा के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज असम को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मिली हैं.”
भारत सौर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…इस बदलते दौर में भारत को तेल और गैस के विकल्प के रूप में ज्यादा ईंधन की जरूरत है. ऐसा ही एक विकल्प इथेनॉल है. आज यहां बांस से इथेनॉल बनाने का प्लांट शुरू किया गया है. इससे असम के किसानों को बहुत फ़ायदा होगा.” “भारत हरित ऊर्जा के उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है. एक दशक पहले भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी पीछे था, लेकिन आज भारत सौर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है. इस बदलते दौर में भारत को तेल और गैस के विकल्प के रूप में ज्यादा ईंधन की जरूरत है. ऐसा ही एक विकल्प इथेनॉल है. आज यहां बांस से इथेनॉल बनाने का प्लांट शुरू किया गया है. इससे असम के किसानों, मेरे आदिवासी भाइयों-बहनों और परिवारों को बहुत फायदा होगा. बायो-इथेनॉल प्लांट को चलाने के लिए जरूरी बांस की भी व्यवस्था की जा रही है. सरकार यहां के किसानों को बांस की खेती में मदद करेगी और बांस की खरीद भी करेगी. इस क्षेत्र में हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस एक प्लांट से यहां के हजारों लोगों को फायदा होगा.”