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1000 से ज्यादा भौंरों के डंक मारने से दो मासूम भाई-बहनों की मौत, परिवार में मचा कोहराम


Hornet Attack Kills Two Children: बच्चे खेल रहे हों और अचानक पूरा आसमान जैसे किसी साए से ढक जाए. चारों तरफ भनभनाहट और फिर मौत की चीखें. चीन के युनान प्रांत से आई ये खबर दिल दहला देती है. दो छोटे भाई-बहन की जान सैकड़ों भौंरों के डंक से चली गई. हादसा इतना भयावह था कि जिसने भी सुना, दहल गया.

Hornet Attack Kills Two Children In China: कहां और कैसे हुआ हादसा?

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, ये घटना 28 जून को युनान प्रांत के मुडिंग काउंटी की है. सात साल का लड़का और उसकी दो साल की बहन घर के पास चीड़ के जंगल के किनारे खेल रहे थे. बच्चों की देखभाल उस वक्त उनकी दादी कर रही थीं. खेल-खेल में अचानक उन पर पीले पैरों वाले विशालकाय भौंरों (yellow-legged hornets, वैज्ञानिक नाम Vespa velutina nigrithorax) का झुंड टूट पड़ा. दादी ने जान बचाने के लिए दोनों बच्चों को खींचने की कोशिश की, लेकिन खुद भी कई डंक झेल गईं. स्थिति इतनी भयानक थी कि छोटे-छोटे शरीर चीखों और डंक से भर गए.

कितने डंक मारे गए?

बचपन की नाजुक त्वचा पर जब ये भौंरे टूटे तो उनका असर मौत बन गया. दो साल की बच्ची को 700 से ज्यादा डंक मारे गए. मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया. सात साल का भाई 300 से ज्यादा डंक से तड़पता रहा. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अगले ही दिन वह भी जिंदगी की जंग हार गया. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, पिता का बयान रुला देने वाला है. उन्होंने कहा कि बच्चों के पूरे शरीर पर डंक थे, ऐसा कोई हिस्सा नहीं बचा था जहां ये कीड़े नहीं पहुंचे हों.

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पीछे की कहानी- ये भौंरे आए कहां से?

जांच में बड़ा खुलासा हुआ. ये भौंरे किसी प्राकृतिक झुंड का हिस्सा नहीं थे. इन्हें पाल रहा था एक किसान, जिसका सरनेम ली है. ली इन पीले पैर वाले भौंरों की खेती कर रहा था. वजह? इनके प्यूपा (chrysalises) यहां की लोकल डिश यानी delicacy माने जाते हैं. लोग इन्हें खाने में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन असली गलती ये थी कि ली ने न तो इसकी जानकारी सरकार को दी और न ही कोई आधिकारिक अनुमति ली. कानून के मुताबिक, ऐसे कीड़ों की खेती रिपोर्ट करना जरूरी है. ली पिछले दो साल से अवैध खेती कर रहा था.

Hornet Attack Kills Two Children: कानून और कार्रवाई

हादसे के बाद ली पर negligent homicide (लापरवाही से हुई मौत) का केस दर्ज हुआ. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, फिर जमानत पर छोड़ दिया. उसने बच्चों के परिवार को 40,000 युआन (करीब साढ़े चार लाख रुपये) मुआवजे के तौर पर दिए, लेकिन कहा कि उसके पास इससे ज्यादा देने की सामर्थ्य नहीं है. हादसे के बाद उसने अपने सारे भौंरों के छत्ते नष्ट कर दिए.

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प्रशासन की सख्ती

इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया. पीले पैरों वाले भौंरों की खेती पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया. इलाके में जितने भी बी-कीपिंग यानी मधुमक्खी या भौंरों से जुड़े फार्म हैं, उनकी सघन जांच शुरू कर दी गई है. युनान की ये त्रासदी सिर्फ चीन की खबर नहीं है. ये पूरी दुनिया को चेतावनी है. जब इंसान परंपरा और स्वाद की चाहत में कानून तोड़कर खतरनाक रास्ते अपनाता है, तो नतीजा सिर्फ बर्बादी होता है. यहां दो मासूम जिंदगियां दांव पर चली गईं.