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45 सुरंगें, कुतुब मीनार से भी ऊंचा ब्रीज…बैराबी-सैरंग लाइन की ये है खासियत, रेल नेटवर्क से जुड़ा आइजोल


Bairabi Sairang Railway Line: 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर राज्य की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान, मोदी ने आइजोल और दिल्ली के बीच पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई और रेल, राजमार्ग, ऊर्जा व खेल बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न रणनीतिक परियोजनाओं की शुरुआत की. मोदी ने आइजोल से लगभग 37 किलोमीटर दूर लेंगपुई हवाई अड्डे से परियोजनाओं की शुरुआत की, क्योंकि भारी बारिश के कारण उनका हेलीकॉप्टर शहर के मध्य में स्थित लामुअल ग्राउंड के लिए उड़ान नहीं भर सका, जहां से उन्हें राष्ट्र को विभिन्न पहल समर्पित करनी थीं और एक जनसभा को संबोधित करना था.

पीएम मोदी ने 8070 करोड़ रुपये की लागत से तैयार बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन का किया उद्घाटन

पीएम मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन का उद्घाटन किया, जिसके तहत राज्य की राजधानी आइजोल को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा गया. चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में बनी इस रेलवे लाइन के लिए जटिल भूगर्भीय परिस्थितियों में 45 सुरंगें बनाई गई हैं.’’

51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन में ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ऊंचा पुल

लगभग 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन परियोजना केंद्र की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है. भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन को 2008-09 में मंजूरी दी गई थी और इसका निर्माण 2015 में शुरू हुआ था. इस लाइन में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सैरंग के पास स्थित पुल 114 मीटर ऊंचा है और इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा है। अधिकारी ने बताया कि यह देश का खंभों वाला सबसे ऊंचा पुल है.

बैराबी-सैरांग रेल मार्ग में 5 सड़क ओवरब्रिज और 6 अंडरपास

बैराबी-सैरांग रेल मार्ग में पांच सड़क ओवरब्रिज और छह अंडरपास भी हैं. इस रेल मार्ग पर बैराबी के अलावा चार मुख्य स्टेशन- होरटोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरंग पड़ते हैं. मिजोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधे रेल संपर्क से क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित, कुशल व किफायती यात्रा विकल्प मिलेगा.

नई रेल लाइन से क्या होगा मणिपुर को फायदा

नई रेल लाइन से मणिपुर को कई मायने में लाभ होगा. इससे खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य आवश्यक वस्तुओं की समय पर और विश्वसनीय आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी, जिससे समग्र रसद दक्षता और क्षेत्रीय पहुंच में वृद्धि होगी. नयी रेल लाइन से यात्री और माल ढुलाई की प्रक्रिया में सुधार होगा, यात्रा समय में कमी आएगी, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा तथा मिजोरम की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी.

पीएम मोदी ने तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेन को भी दिखाई हरी झंडी

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेन – सैरंग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरंग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरंग-कोलकाता एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई.

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