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रघुवर दास ने पेसा का मुद्दा उठाया, तो बोले विनोद पांडेय- भाजपा सरकार ने ग्राम सभाओं को दरकिनार किया


Politics on Tribal Issue: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला. इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने पलटवार किया. रघुवर दास ने आदिवासी अधिकारों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत का संविधान आदिवासी, दलित, वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है, लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस-झामुमो गठबंधन सरकार राज्य के आदिवासियों, पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है.

‘रघुवर दास सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाया’

इस पर पलटवार करते हुए झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि रघुवर दास सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ग्राम सभाओं को दरकिनार कर दिया था. कहा कि रघुवर दास को पहले अपने कार्यकाल के भ्रष्टाचार, सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन और कॉरपोरेटपरस्ती का हिसाब देना चाहिए.

‘पेसा कानून लागू करना चाहती थी भाजपा सरकार, हेमंत सरकार ने लटकाया-भटकाया’

इससे पहले प्रदेश भाजपा कार्यालय में रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल किया था. प्रक्रिया आगे बढ़ी. भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त मंतव्य विधि विभाग में भेजा. महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया, लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण वर्तमान सरकार इसे लटका-भटका रही है.

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Politics on Tribal Issue: बालू घाटों की नीलामी पर तब तक रोक रहे, जब तक पेसा कानून नहीं लागू हो जाता

Politics On Tribal Issue Raghubar Das
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास.

रघुवर दास ने कहा कि पेसा कानून अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्रामसभा को लघु खनिज, बालू, पत्थर खनन, नीलामी, तालाबों में मछली पालन, केंदू पत्ता आदि के प्रबंधन का अधिकार देता है. यही कारण है कि हाईकोर्ट ने भी इसी भावना के मद्देनजर बालू घाटों की नीलामी पर निर्देश दिये हैं. उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इस रोक को तब तक जारी रखने का आग्रह किया, जब तक राज्य में पेसा कानून लागू नहीं हो जाये.

कोर्ट की अवमानना कर रही वर्तमान सरकार – रघुवर दास

झारखंड के पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय की अवमानना करते हुए बालू से 2,000 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित कर विज्ञापन निकाला है. इस प्रकार देखा जाये, तो पिछले 6 वर्षों में राज्य को हजारों करोड़ की लूट का साक्षी बनाया गया है. उन्होंने इस लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग की.

गठबंधन पर आरोप- आदिवासियों को अधिकार नहीं देना चाहती सरकार

उन्होंने कहा कि कांग्रेस-झामुमो सरकार आदिवासी समाज को अधिकार नहीं देना चाहती. इस सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग का भी गठन नहीं किया. लंबित नगर निकाय चुनाव पर श्री दास ने कहा कि हेमंत सरकार न गांव का विकास चाहती है और न शहरों का. निकाय चुनाव नहीं कराकर सरकार प्रतिवर्ष 1,800 करोड़ के केंद्रीय अनुदान से झारखंड को वंचित रख रही है. वहीं, पेसा कानून नहीं लागू होने से 1,400 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की क्षति हो रही है.

पिछड़ों को अधिकार से वंचित रखना चाहती है सरकार – दास

उन्होंने कहा कि सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कराकर पिछड़ों को उनके अधिकार से वंचित रखना चाहती है. राज्य के विभिन्न जिलों की नौकरी रोस्टर में पिछड़ों का आरक्षण नहीं है. इस पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कहा कि चाहे पेसा नियमावली हो या नगर निकाय चुनाव, सरकार दोनों काम नहीं होने देना चाहती.

दबाव में काम कर रही सरकार, तुष्टिकरण में डूबी – रघुवर

उन्होंने कहा कि बिचौलिये, दलाल के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में यह सरकार काम कर रही है. तुष्टिकरण में डूबी है. इस सरकार को दलाल, बिचौलियों का सिंडिकेट चला रहा है, जो मुख्यमंत्री की तिजोरी भर रहा है. रघुवर दास ने कहा कि यदि राज्य का आदिवासी, पिछड़ा, दलित सड़क पर उतर गया, तो सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

रघुवर दास सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाया – विनोद पांडेय

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झामुमो प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय.

भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए झामुमो के विनोद पांडेय आगे आये. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के राज्य सरकार पर लगाये गये सारे आरोप निराधार हैं. आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा नेताओं की झूठ और दुष्प्रचार करने की आदत हो गयी है.

‘रघुवर से पूछ रही जनता- क्यों लागू नहीं किया पेसा कानून’

उन्होंने कहा कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों की चिंता करने का दिखावा करने वाले रघुवर दास से जनता सवाल पूछ रही है कि उनके मुख्यमंत्री रहते क्यों पेसा कानून लागू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाये गये? क्यों आदिवासी समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया? भाजपा को अपनी नीति-रीति में बदलाव करने की जरूरत है.

भाजपा सरकार ने हुई संसाधनों की खुली लूट – विनोद पांडेय

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान खनिज संसाधनों की खुली लूट हुई. कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ग्राम सभाओं को दरकिनार किया गया. रघुवर दास को बताना चाहिए कि उनके कार्यकाल में कितने ग्राम सभाओं से राय लेकर खनन पट्टे दिये गये? पेसा कानून का मसौदा तैयार कर कैबिनेट तक ले जाने की हिम्मत भाजपा सरकार क्यों नहीं जुटा सकी?

‘हेमंत सरकार ने पेसा नियमावली पर गंभीरता से किया काम’

विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार ने पेसा नियमावली पर गंभीरता से काम किया है. विभिन्न विभागों से सुझाव लेकर इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है. झामुमो सरकार आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. भाजपा को याद रखना चाहिए कि कोर्ट ने भी कई बार उनके शासनकाल की खामियों पर टिप्पणी की थी.

झारखंड की जनता अब भ्रमित नहीं होने वाली – झामुमो

पांडेय ने कहा कि भाजपा नेताओं को समझना चाहिए कि झारखंड की जनता अब भ्रमित होने वाली नहीं है. आदिवासी, दलित और पिछड़े समाज ने देखा है कि किस तरह भाजपा सरकार ने उनके अधिकारों को दबाने का काम किया और आज झामुमो सरकार उन्हें सशक्त बनाने की राह पर अग्रसर है.

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