Bihar Teachers News: बिहार शिक्षा विभाग में नया बवाल खड़ा हो गया है. हाल ही में विभाग की कमान संभालने वाले अपर मुख्य सचिव (ACS) बी राजेंदर को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के फोन कॉल्स ने इतना परेशान कर दिया कि उन्हें नींद तक पूरी नहीं मिल रही थी. कभी शिकायत, कभी समस्या—रात के किसी भी पहर पर आने वाले ये कॉल अब सीधे ‘बैन लिस्ट’ में डाल दिए गए हैं.
पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मंगलवार को इस बाबत आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि अब शिक्षक केवल जरूरत पड़ने पर ही लिखित रूप से या संदेश के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
देर रात कॉल से बढ़ी परेशानी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से बड़ी संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाएं ACS बी राजेंदर को देर रात फोन कर अपनी समस्याएं बता रहे थे. कोई वेतन से जुड़ी शिकायत करता, तो कोई पदस्थापन या तबादले का मुद्दा उठाता.
नया पदभार संभालने वाले बी राजेंदर के लिए यह स्थिति असहज हो गई. बार-बार की कॉल ने उन्हें परेशान कर दिया, जिसके बाद विभाग को इस पर रोक लगाने का निर्णय लेना पड़ा.
नया आदेश जारी
पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) साकेत रंजन ने मंगलवार को निर्देश जारी किया कि किसी भी हाल में ACS को रात में फोन कॉल नहीं किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर शिक्षक या शिक्षिका विभागीय व्हाट्सएप नंबर या एसएमएस के माध्यम से संदेश भेज सकते हैं. वहीं, पटना जिले से संबंधित शिकायत सीधे जिला शिक्षा कार्यालय में दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
डीईओ ने साफ कर दिया है कि शिक्षक अपनी शिकायतें जिला शिक्षा पदाधिकारी या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के स्तर पर दर्ज कराएं. केवल विशेष परिस्थितियों में ही मामला ACS के पास भेजा जाएगा.
पूर्व ACS का तरीका और नई दिक्कत
बता दें कि बी राजेंदर से पहले एस. सिद्धार्थ इस पद पर थे. उन्होंने शिक्षकों की समस्याएं सुनने के लिए एक ओपन सिस्टम बनाया था, जिसमें शिक्षक सीधे शीर्ष अधिकारी से संपर्क कर सकते थे. उस समय यह व्यवस्था कारगर साबित हुई थी और शिक्षकों में भरोसा भी जगा था.
लेकिन नए ACS बी राजेंदर के लिए यही व्यवस्था परेशानी का सबब बन गई. शिक्षकों के लगातार फोन कॉल्स ने उन्हें इतना परेशान किया कि विभाग को आदेश जारी कर कड़ा कदम उठाना पड़ा.
शिक्षक क्यों करते हैं कॉल?
बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की शिकायतें पुरानी हैं—समय पर वेतन न मिलना, पदस्थापन की समस्या, ट्रांसफर में देरी और कई तरह की प्रशासनिक जटिलताएं. इन्हीं मुद्दों को लेकर शिक्षक सीधे ACS को फोन करने लगे थे. लेकिन अब उन्हें यह रास्ता बंद करना होगा.
विभाग ने शिक्षकों से अपील की है कि वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही अपनी शिकायतें दर्ज कराएं. ACS का सीधा नंबर केवल विशेष परिस्थितियों के लिए है, न कि हर छोटी-बड़ी समस्या सुनने के लिए. अधिकारियों का कहना है कि विभाग शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए निर्धारित चैनल का पालन करना जरूरी है.
क्या बदलेगी व्यवस्था?
नए आदेश के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या एस. सिद्धार्थ द्वारा बनाई गई शिकायत व्यवस्था को बंद कर दिया जाएगा या उसमें बदलाव कर नया ढांचा तैयार होगा.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, ACS बी राजेंदर जल्द ही एक नई प्रणाली बना सकते हैं, जिसमें शिक्षकों की शिकायतें सुनने और उनका त्वरित निपटारा सुनिश्चित हो सकेगा.
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