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बच्चे को बचाने के चक्कर में क्या आप जला रहे हैं स्लो पॉइजन? कॉइल का सच जानकर हो जाएंगे हैरान!


Parenting Tips: अगर आप भी अपने घर पर कॉइल का इस्तेमाल करते हैं यह सोचकर कि यह आपको और आपके बच्चों को मच्छरों से बचाकर रखने में मदद करेगा तो यह काफी हद तक गलत हो सकता है. आज हम आपको कॉइल जलाने की वजह से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

Parenting Tips: बरसात के दिनों में और बरसात के जाने के बाद एक समस्या जिससे हम सभी जूझते हैं वह कोई और समस्या नहीं बल्कि मच्छरों की समस्या है. मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है. इस समस्या से खुद भी बचने के लिए और अपने बच्चों को भी बचाये रखने के लिए पैरेंट्स अक्सर कॉइल का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए आंखें खोल देने वाली होने वाली है. कॉइल जलाने की वजह से आपके घर से मच्छर तो भाग जाते हैं लेकिन आपके बच्चे की सेहत को कई तरह के खतरे भी हो सकते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको कॉइल जलाने की वजह से आपके बच्चे की सेहत को होने वाले 3 गंभीर समस्याओं के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं विस्तार से.

रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याएं

जब आप अपने बच्चों को लंबे समय तक मॉस्क्वीटो कॉइल के धुंए में रखते हैं तो उन्हें रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. कॉइल के धुंए में पाइरेथ्रोइड्स, फॉर्मल्डिहाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और बेंजीन जैसे केमिकल्स मौजूद होते हैं जो आपके बच्चे के फेंफड़े को डैमेज करने का काम कर सकते हैं. लगातार इस धुंए के संपर्क में आने से आपके बच्चे को ब्रॉन्काइटिस या फिर इसी तरह की रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. अगर आप उन्हें कॉइल के धुंए में रखते हैं तो उनमें सांस लेने में दिक्कत, खांसी, अस्थमा और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

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कंजेशन का खतरा

जब आप बच्चे के सामने कॉइल जलाकर रखते हैं तो इससे उनके सीने में बलगम की समस्या और छाती में जकड़न की शिकायत हो सकती है. अगर आपके बच्चे को कंजेशन की समस्या हुई है तो ऐसे में हवा के रास्ते में बलगम जमा होने लगता है और इसके साथ ही हवा आने जाने के रास्ते में लिक्विड भी भरने लग जाता है. ऐसा होने की वजह से आपके बच्चे को सांस लेने में परेशानी भी होती है.

न्यूरोलॉजिकल इफेक्ट्स भी जानें

जैसा कि हमने आपके पहले भी बताया कि कॉइल में पाइरेथ्रोइड्स पाया जाता है जो न्यूरोटॉक्सिक भी हो सकते हैं. लगातार इसके धुंए में रहने से बच्चों के दिमाग और उनके नर्वस सिस्टम में काफी बुरा असर पड़ता है. बता दें जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनका दिमाग ग्रो ही कर रहा होता है जिस वजह से कॉइल का यह जहरीला धुआं उनके लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है.

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