Pitr Paksh Mela: बिहार के गया में 6 से 21 सितंबर तक चलने वाला पितृपक्ष मेला इस बार पूरी तरह हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 सितंबर को मेले की तैयारियों का जायजा लेंगे.
जिला प्रशासन ने सुरक्षा, सफाई, आवास और स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं को लेकर बड़े स्तर पर इंतजाम किए हैं. श्रद्धालुओं की सही गिनती के लिए मशीनें लगाई जा रही हैं, जबकि फल्गु नदी की सफाई पहली बार ट्रैश बोट से होगी.
लेजर लाइट शो में गयाजी का इतिहास
इस बार पितृपक्ष मेले की सबसे खास आकर्षण होगा सीता पथ पर प्रतिदिन होने वाला लेजर लाइट शो. इसमें गयाजी का प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व और पितृपक्ष मेले की महिमा ध्वनि और प्रकाश के अनोखे संगम से जीवंत रूप में प्रस्तुत की जाएगी.
श्रद्धालुओं की गिनती मशीनों से
पितृपक्ष मेले में सुरक्षा और प्रबंधन को हाईटेक बनाया गया है. हर प्रवेश स्थल पर मेटल डिटेक्टर, बैगेज स्कैनर और चेकिंग मशीनें लगाई जाएंगी. साथ ही पहली बार श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए काउंटर मशीनों का उपयोग होगा. पिछले वर्ष प्रशासन ने करीब 22 लाख श्रद्धालुओं के आने का दावा किया था, लेकिन इस बार मशीनों से आंकड़े और स्पष्ट रूप से सामने आएंगे.
मिथिला पेंटिंग और रोशनी से सजेगा शहर
गयाजी की महत्ता को दर्शाने के लिए इस बार मिथिला पेंटिंग का सहारा लिया गया है. पूरा मेला क्षेत्र तिरंगा लाइट से सजेगा. दिव्य रोशनी के साथ यात्री सुविधाओं पर खास ध्यान रहेगा. विकलांग श्रद्धालुओं के लिए व्हीलचेयर और वालंटियर की व्यवस्था भी की गई है.
55 जोन और 18 हजार श्रद्धालुओं के आवास का इंतजाम
मेला क्षेत्र को 55 जोन में बांटा गया है. 64 स्थानों पर 18,000 लोगों के आवास की व्यवस्था है. साथ ही गांधी मैदान में एक भव्य टेंट सिटी बनाई जा रही है, जहाँ 2500 श्रद्धालु ठहर सकेंगे। 552 पंडा समाज के मकानों को एनओसी दी गई है, साथ ही 132 होटल और गेस्ट हाउस भी चिन्हित हैं. पहली बार ट्रैश बोट के जरिए फल्गु नदी की सफाई होगी. पूजा सामग्री से दूषित पानी को शुद्ध करने की व्यवस्था की गई है.
स्वास्थ्य और सुविधाओं की मजबूत व्यवस्था
पितृपक्ष मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. शहर को एक विशाल शिविर की तरह सजाया गया है. पीने के पानी के लिए 299 चापाकलों, 43 पियाऊ और 620 नलों की मरम्मत कराई गई है. साथ ही 20 वॉटर टैंकर और 4 वाटर एटीएम लगाए जाएंगे. 633 स्थायी शौचालय, 240 अस्थायी शौचालय और 131 स्नान घर बनाए गए हैं.
सेवाओं के लिए 125 डॉक्टर, 178 पैरामेडिकल स्टाफ और 70 स्वास्थ्य शिविर तैनात रहेंगे. खाने-पीने की वस्तुओं की नियमित जांच होगी. गया के बड़े अस्पतालों में 135 बेड रिजर्व रखे गए हैं.
पूरे क्षेत्र को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ई-पिंडदान ऐप पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि डिजिटल युग में आस्था और तकनीक का संगम हो सके.
Also Read: Patna Tourism: गंगा पथ पर दौड़ी डबल डेकर बस, छत से दिखेंगे गंगा और ऐतिहासिक धरोहर