Patna News: पटना प्रमंडल आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जेपी गंगा पथ के किनारे अतिक्रमण और असर्वेक्षित भूमि के स्वामित्व को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने और नए अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए.
आयुक्त ने कहा कि गंगा किनारे असर्वेक्षित भूमि पर किसी भी व्यक्ति का दावा मान्य नहीं है और यहां किसी भी प्रकार का निर्माण करना प्रतिबंधित है.
गंगा पथ पर निर्माण पूरी तरह वर्जित
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक गंगा नदी किनारे या फ्लड प्लेन क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता. सभ्यता द्वार के पीछे और दीघा आईटीआई के पास से अतिक्रमण हटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि अगर कोई अतिक्रमण हटाने में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
216 स्थानों से हटाया गया अतिक्रमण
बैठक में बताया गया कि दीघा से कंगन घाट तक असर्वेक्षित भूमि पर लगभग 216 स्थानों पर अतिक्रमण पाया गया था. इनमें से अधिकांश को हटा दिया गया है. दीघा रोटरी गोलंबर से कलेक्ट्रेट घाट तक लगभग सभी स्थायी अतिक्रमण को हटा दिया गया है.
गंगा पथ पर विकास की रफ्तार
आयुक्त ने कहा कि जेपी गंगा पथ पर कई विकासात्मक और लोक-कल्याणकारी कार्य तेजी से चल रहे हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 387.40 करोड़ रुपये की लागत से जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान परियोजना (फेज-1) का शिलान्यास किया था. यह परियोजना दीघा से गांधी मैदान के बीच लगभग सात किलोमीटर तक फैली होगी.
इसके अलावा, सभ्यता द्वार से कलेक्ट्रेट घाट तक 12.38 करोड़ रुपये की लागत से विचरण पथ का शिलान्यास भी किया गया है. साथ ही, पटना के पूर्वी हिस्से में 341.43 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और कार्यारंभ किया गया.
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