चीन के तियानजिन में हुए SCO समिट 2025 के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्विपक्षीय बैठक के लिए निकले, तो सबकी नजरें उनकी कार पर टिक गईं। खास बात यह रही कि मोदी अपने लिए उपलब्ध कराई गई चीनी लग्जरी कार में नहीं बैठे, बल्कि पुतिन की पर्सनल कार Aurus में सफर किया।
पुतिन की खास सवारी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी आधिकारिक कार Aurus Senat Limousine के लिए जाने जाते हैं। इसे रूस की ऑटोमोबाइल कंपनी Aurus Motors ने खास तौर पर राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया है। यही वजह है कि पुतिन विदेश यात्राओं पर भी अपनी कार साथ ले जाते हैं। चीन में भी उनकी इस कार को डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट दी गई है।
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
सुरक्षा के लिहाज से बेमिसाल
Aurus कार पूरी तरह से बख्तरबंद है। यह न सिर्फ बुलेटप्रूफ है बल्कि आर्मर-पियर्सिंग गोलियों, ग्रेनेड और यहां तक कि पानी में डूबने की स्थिति का भी सामना कर सकती है। इसमें स्मोक स्क्रीन, इमरजेंसी एग्जिट और कम्युनिकेशन सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। कहा जाता है कि पुतिन की सुरक्षा के लिए यह कार चलती-फिरती किलेबंदी है।
दमदार इंजन और लग्जरी फीचर्स
यह लिमोजीन मॉडल L700 कहलाता है। इसकी लंबाई 5.63 मीटर और वजन करीब 2,700 किलो है। इसमें 4.4-लीटर का ट्विन-टर्बो V8 हाइब्रिड इंजन दिया गया है, जिसकी टॉप स्पीड 249 किमी/घंटा तक जाती है। कार के इंटीरियर में हर तरह की लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं, जिन्हें देखकर इसे अक्सर Russian Rolls Royce भी कहा जाता है। इसकी कीमत 250,000 से 300,000 डॉलर यानी 22 लाख से 23 लाख के बीच है।
कई बार चर्चाओं में रही Aurus
यह कार कई बार सुर्खियों में रही है। इस साल की शुरुआत में पुतिन ने अपनी कार का एक मॉडल उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को तोहफ़े में दिया था। यही नहीं, साल 2023 में ऐसी सिर्फ 115 कारें ही बिकीं, जिन्हें खासतौर पर अमीर ग्राहक खरीदते हैं। इनका निर्यात मुख्य रूप से मिडिल ईस्ट और चीन में होता है।
सिर्फ कार नहीं, रूस की पहचान
Aurus कार सिर्फ पुतिन की सवारी नहीं, बल्कि रूस की तकनीकी ताकत और स्वतंत्रता का प्रतीक भी मानी जाती है। हालांकि इसके कुछ पुर्जे दक्षिण कोरिया से मंगवाए जाते हैं, फिर भी यह कार रूस की आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक बन चुकी है। यही वजह है कि जब मोदी और पुतिन एक साथ इसी कार में निकले, तो यह नजारा अपने आप में इतिहास बन गया।
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