RSS Meeting in Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर संगठन की ओर से शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सेलिब्रेशन के तहत दिल्ली में RSS की 3 दिवसीय स्पेशल मीटिंग (व्याख्यानमाला) चल रही है, जो 26 अगस्त को शुरू हुई थी और 28 अगस्त को खत्म होगी। यह मीटिंग दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही है, जिसकी अध्यक्षता खुद RSS प्रमुख मोहन भागवत कर रहे हैं।
क्या है दिल्ली में मीटिंग का मकसद?
3 दिवसीय व्याख्यानमाला का मकसद RSS के 100 साल के सफर पर चर्चा करना, 100 साल में लिए गए फैसलों की सराहना करना, फैसलों के असर का आकलन करना, नाकामियों और कमियों को पॉइंट आउट करके भविष्य की रुपरेखा तैयार करना है। संगठन की सामाजिक और वैचारिक पहुंच बढ़ाने की योजनाएं बनाना और अलग-अलग समुदायों के साथ परस्पर संवाद करके एक-दूसरे की विचारधारा को समझने का प्रयास करना है। बैठक में RSS शताब्दी वर्ष समारोह के आयोजन की तैयारी और आर्थिक-राजनीतिक चुनौतियों पर रणनीति भी बनाई जा रही है।
मीटिंग में बुलाए इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ
व्याख्यानमाला में राजनेताओं, जजों, राजदूतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कला, खेल, नौकरशाही, कूटनीति, मीडिया, स्टार्टअप सेक्टर के विशेषज्ञ और प्रभावशाली व्यक्ति बुलाए गए हैं। बैठक में जहां RSS प्रमुख मोहन भागवत लेक्चर देंगे, वहीं RSS से जुड़े कई मुद्दों पर विचार रखेंगे और विचार सुनेंगे।
इन देशों के राजदूत बुलाए गए
व्याख्यानमाला में 100 साल की यात्रा पूरी करने के बाद RSS के भविष्य की रुपरेखा बनाने के लिए इंटरैक्टिव सेशन होगा। इसके लिए पाकिस्तान-बांग्लादेश को छोड़कर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, नेपाल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका समेत कई मुस्लिम देशों के राजदूतों को बुलाया गया है। 50 से ज्यादा दूतावासों को बुलाया गया है।
इन हस्तियों को भी बुलाया गया
व्याख्यानमाला में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुप्रिया पटेल, केसी त्यागी, संजय झा, राम मोहन नायडू, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं, अल्पसंख्यक समुदायों, मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों और बौद्धों नेताओं को भी बुलाया गया है। सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है।
इन शहरों में भी होंगे कार्यक्रम
100 साल पूरे होने के मौके पर RSS की व्याख्यानमाला दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी होगी। बेंगलुरु और कोलकाता में नवंबर 2025 में और मुंबई में फरवरी 2026 में व्याख्यानमाला आयोजित हो सकती है।