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‘मुस्लिम ही क्यों आतंकी लिस्ट में?’… UNSC में पाकिस्तान के घड़ियाली आंसू, भारत ने किया करारा पलटवार


Pakistan Raises Questions At UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया बैठक में पाकिस्तान ने बड़ा आरोप लगाया है. इस्लामाबाद ने कहा कि UN की आतंकवादियों की सूची में एक भी गैर-मुस्लिम का नाम नहीं है, जो कि अस्वीकार्य और पक्षपातपूर्ण है. पाकिस्तान के स्थायी राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने यह मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि आतंकवाद को धर्म के आधार पर देखा जा रहा है और इससे इस्लाम व मुसलमानों को कलंकित किया जा रहा है.

Pakistan Raises Questions At UNSC in Hindi: पाकिस्तान का तर्क

जियो न्यूज और अन्य रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तानी राजदूत ने UNSC में कहा कि यह समझ से बाहर और अस्वीकार्य है कि सूची में हर नाम मुस्लिम है. दुनिया भर में गैर-मुस्लिम चरमपंथी भी हिंसा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अक्सर आतंकवाद नहीं बल्कि हिंसक अपराध कहा जाता है. उन्होंने जोर दिया कि दुनिया भर में दक्षिणपंथी, फासीवादी और चरमपंथी आंदोलनों का खतरा बढ़ा है, लेकिन उन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैसी सख्ती नहीं दिखती जैसी मुस्लिम समूहों पर दिखाई जाती है.

डिजिटल स्पेस से फैल रहा आतंक

इफ्तिखार ने कहा कि अब आतंकवादी नए डिजिटल साधनों और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में UNSC को अपने प्रतिबंधों और निगरानी व्यवस्थाओं में बदलाव करने होंगे ताकि नए और उभरते खतरों को रोका जा सके. पाकिस्तान ने बैठक में अफगानिस्तान की जमीन से सक्रिय TTP, BLA और मजीद ब्रिगेड जैसे संगठनों पर भी चिंता जताई. पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि ये संगठन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, रणनीतिक ढांचे और आम नागरिकों पर हमले कर रहे हैं. इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सबसे आगे खड़ा रहा है. हमने इस जंग में 80,000 जानें गंवाईं और सैकड़ों अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान उठाया. आतंकवाद से निपटने का हमारा संकल्प अद्वितीय है.

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भारत की प्रतिक्रिया और चीन की भूमिका

इधर भारत ने UNSC को याद दिलाया कि पाकिस्तान की जमीन से सक्रिय कई आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और TRF पर अब तक वैश्विक कार्रवाई अटकी हुई है. भारत ने इशारों में कहा कि चीन बार-बार वीटो या तकनीकी आपत्ति लगाकर पाकिस्तान आधारित आतंकियों को बचाता रहा है.

पाकिस्तान का आरोप है कि UNSC की सूची सिर्फ मुसलमानों को आतंकवादी बताकर दोहरा मानदंड अपना रही है. वहीं भारत का तर्क है कि पाकिस्तान खुद आतंकियों को पनाह देता है और वैश्विक मंच पर “धर्म का तर्क” देकर बचाव की कोशिश करता है.

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