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बिहार को डेयरी हब बनाने की तैयारी, गोपालगंज, वजीरगंज और दरभंगा में लगेंगे बड़े डेयरी प्लांट, सीतामढ़ी व रोहतास में पाउडर संयंत्र


Bihar News: बिहार में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और हर कोने तक दूध की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य के विभिन्न जिलों में नए डेयरी और दूध पाउडर संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं. इसके तहत गोपालगंज, गया जिले के वजीरगंज और दरभंगा में बड़े डेयरी प्लांट और सीतामढ़ी व रोहतास के डेहरी ऑनसोन में दूध पाउडर प्लांट लगाए जाएंगे.

बिहार में डेयरी क्रांति की ओर कदम

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पत्र जारी कर इन योजनाओं का खाका पेश किया है. विभाग का कहना है कि पांचों योजनाओं पर कुल 3 अरब 16 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके पूर्ण होने के बाद न केवल संबंधित जिलों में बल्कि आसपास के इलाकों में भी दूध की आपूर्ति सहज हो जाएगी.

दरभंगा में दो लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला डेयरी संयंत्र लगाया जाएगा. इस पर 71 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत आएगी. गया के वजीरगंज में भी दो लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का संयंत्र लगेगा, जिसकी लागत 50 करोड़ 27 लाख रुपये होगी. गोपालगंज में एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का डेयरी प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिस पर 54 करोड़ 73 लाख रुपये खर्च होंगे.

इन तीनों जिलों में डेयरी प्लांट लगने के बाद यहां दूध का संग्रहण, शीतलीकरण और वितरण की मजबूत व्यवस्था बनेगी.

दूध पाउडर संयंत्र: अतिरिक्त उत्पादन का समाधान

बिहार सरकार ने दूध की अधिकता के समाधान के लिए दूध पाउडर प्लांट स्थापित करने का भी फैसला लिया है. सीतामढ़ी में 30 टन क्षमता का दूध चूर्ण संयंत्र बनेगा. इसकी लागत 70 करोड़ 33 लाख रुपये होगी. डेहरी ऑनसोन (रोहतास) में भी 30 टन क्षमता का दूध पाउडर प्लांट लगेगा, जिस पर 69 करोड़ 66 लाख रुपये खर्च होंगे.

इन संयंत्रों की मदद से अतिरिक्त दूध बर्बाद होने से बचेगा और पाउडर के रूप में लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा.

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

इन योजनाओं का सबसे बड़ा फायदा किसानों और डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को होगा.अब तक कई बार उत्पादन अधिक होने पर दूध की बिक्री नहीं हो पाती थी और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता था. पाउडर संयंत्र लगने के बाद यह समस्या दूर होगी.

साथ ही, डेयरी प्लांटों की वजह से ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे. दूध संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग और वितरण से जुड़े कई लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे.

बिहार में डेयरी उद्योग की स्थिति

बिहार लंबे समय से देश के अग्रणी दूध उत्पादक राज्यों में गिना जाता है. परंतु कई बार इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण दूध की बर्बादी हो जाती है. इन नई योजनाओं से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी.

साथ ही, राज्य में डेयरी उद्योग को औद्योगिक पहचान मिलेगी और बिहार दूध उत्पादन व प्रोसेसिंग में एक हब के रूप में उभरेगा.

आर्थिक दृष्टि से बड़ा निवेश

इन योजनाओं पर जो 3 अरब 16 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वह सिर्फ डेयरी सेक्टर में निवेश नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रयास है. दरभंगा, गोपालगंज और वजीरगंज जैसे जिलों में डेयरी प्लांट लगने से वहां से पटना और अन्य शहरी केंद्रों तक दूध की सप्लाई और सुचारू होगी. अब स्थानीय उपभोक्ताओं को ताज़ा दूध आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही, शहरी क्षेत्रों में भी दूध की मांग को बिना बाधा पूरा किया जा सकेगा.
अगर ये योजनाएं तय समय पर पूरी होती हैं, तो आने वाले कुछ वर्षों में बिहार डेयरी उद्योग में आत्मनिर्भर बन सकता है. दूध पाउडर प्लांट राज्य को अतिरिक्त उत्पादन को संभालने की क्षमता देगा, जबकि डेयरी संयंत्र रोजमर्रा की आपूर्ति को सुनिश्चित करेंगे.

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