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डूसू चुनाव को लेकर ‘क्लीन कैंपस, ग्रीन कैंपस का हुआ आयोजन


DU: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में होने वाले छात्र संघ चुनाव (डूसू) की तैयारी तेज हो गयी है. चुनाव को धनबल और बाहुबल से दूर रखने के लिए लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का सख्ती से पालन करने का फैसला डीयू प्रशासन की ओर से लिया गया गया है. पिछले डूसू चुनाव में दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्र संघ चुनाव के दौरान धनबल के प्रयोग पर गंभीर आपत्ति जाहिर की थी. सरकारी परिसर को पोस्टर के जरिये विरूपित करने वाले उम्मीदवारों से पैसा वसूल करने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट की ओर से डूसू चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी गयी थी. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध के बाद चुनाव परिणाम घोषित किया गया. साथ ही अदालत ने भविष्य में ऐसी गलती से बचने के लिए प्रशासन को सख्त हिदायत दी थी. ऐसे में डूसू चुनाव को देखते हुए विश्वविद्यालय के प्राक्टर कार्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ने मिलकर एक अनूठी पहल शुरू करने का फैसला लिया है. इस फैसले के तहत सोमवार से  ‘क्लीन कैंपस, ग्रीन कैंपस रैली’ का आयोजन किया गया, इस आयोजन का मकसद छात्रों को नैतिक, पर्यावरण-अनुकूल और शांतिपूर्ण चुनावी प्रचार के लिए जागरूक करना है. 

अब डूसू चुनाव में नहीं चलेगी मनमानी

दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद डीयू प्रशासन की ओर से डूसू चुनाव को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किया गया है. डूसू चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक लाख का अनिवार्य बांड भरना होगा और चुनाव के तय नियमों का उल्लंघन करने पर बांड की राशि डीयू प्रशासन जब्त कर सकेगा. हालांकि डीयू प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ सभी छात्र संगठन एकजुट दिख रहे हैं, लेकिन डीयू प्रशासन नियमों में किसी तरह का बदलाव करने के लिए तैयार नहीं है. डूसू चुनाव को स्वच्छ बनाने के लिए डीयू प्रशासन की ओर से कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इस कड़ी में डूसू चुनाव के दौरान कैंपस को स्वच्छ बनाने के लिए एक रैली का आयोजन किया गया. 

यह रैली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से शुरू हुई और रामजस कॉलेज व दौलत राम कॉलेज से होते हुए कला संकाय पर जाकर खत्म हुई. इस दौरान छात्रों ने पूरे विश्वविद्यालय समुदाय में स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल चुनावी प्रथाओं का संदेश देने का काम किया. रैली में डीयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर मनोज कुमार सिंह, डिप्टी प्रॉक्टर डॉक्टर सौरभ, एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर नरेंद्र बिश्नोई सहित कई अन्य सदस्य और छात्र मौजूद रहे. इस मौके पर प्रॉक्टर प्रोफेसर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह पहल जिम्मेदार नागरिकता, पर्यावरणीय स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ईमानदारी के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.