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सुबह उठते ही मोबाइल देखने वाले लोग क्यों रहते हैं दिनभर थके और चिड़चिड़े? जानें चौंकाने वाली सच्चाई


Smartphone Addiction: आजकल हमारी सुबह की शुरुआत मोबाइल फोन से होती है. अलार्म बंद करने के बाद सबसे पहले हमारे हाथ नोटिफिकेशन चेक करने, सोशल मीडिया स्क्रॉल करने या ईमेल पढ़ने में लग जाते है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह उठते ही मोबाइल देखना आपके पूरे दिन को कैसे अफेक्ट करता है? यह आदत भले ही छोटी लगे, लेकिन यह आपकी हेल्थ, मूड, प्रोडक्टिविटी और रिश्तों तक पर असर डालती है. सुबह का पहला घंटा जो होता है उसे सबसे जरूरी माना जाता है, और अगर इसे मोबाइल पर बर्बाद कर दिया जाए, तो पूरा दिन नेगेटिविटी और स्ट्रेस से घिर सकता है. चलिए जानते हैं किस तरह सुबह सबसे पहले स्मार्टफोन के इस्तेमाल से आपका पूरा दिन बर्बाद हो जाता है.

सुबह का पहला घंटा क्यों है सबसे जरूरी?

साइंस और आयुर्वेद दोनों मानते हैं कि सुबह का पहला घंटा पूरे दिन की एनर्जी और मूड को तय करता है. इस समय दिमाग सबसे ज्यादा फ्रेश और शांत रहता है. अगर आप इस समय खुद को पॉजिटिविटी, मेडिटेशन, पानी पीने या हल्की एक्सरसाइज से जोड़ते हैं, तो पूरा दिन एनर्जेटिक और खुशी से गुजरता है. वहीं, अगर आप सुबह ही स्क्रीन की ब्लू लाइट और ढेर सारे नोटिफिकेशंस से घिर जाते हैं, तो स्ट्रेस और नेगेटिविटी की शुरुआत यहीं से हो जाती है.

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स्ट्रेस और एंग्जाइटी का बढ़ना

जैसे ही आप उठते हैं और मोबाइल खोलते हैं, आपके सामने सोशल मीडिया अपडेट्स, न्यूज हेडलाइंस और वर्क ईमेल्स की भरमार होती है. इनमें से कई चीजें स्ट्रेस और एंग्जाइटी को बढ़ा देती हैं. उदाहरण के लिए, किसी की सफलता देखकर कम्पेरिजन करना या ऑफिस की मेल देखकर तुरंत काम का प्रेशर महसूस करना. इस वजह से आपका दिमाग दिन की शुरुआत में ही टेंशन मोड में चला जाता है.

दिमाग पर होता है बुरा असर

सुबह के समय दिमाग एक कोरे कागज की तरह होता है. लेकिन जैसे ही आप ढेर सारी जानकारी से खुद को घेर लेते हैं, दिमाग तुरंत थकान महसूस करने लगता है. इस वजह से दिनभर आपकी कंसंट्रेशन और प्रोडक्टिविटी कम हो सकती है.

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आंखों और शरीर पर असर

मोबाइल की ब्लू लाइट आंखों को नुकसान पहुंचाती है. सुबह उठते ही इसे देखने से आंखों में ड्रायनेस और हेडेक की प्रॉब्लम शुरू हो सकती है. इसके अलावा, बिस्तर पर लेटे-लेटे मोबाइल चलाना शरीर के पोस्चर को भी खराब करता है. अगर लंबे समय तक यह आदत रहे तो यह कमर और गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है.

रिश्तों पर असर

सुबह का वक्त परिवार या खुद के साथ बिताने का सबसे अच्छा समय होता है. लेकिन मोबाइल में डूब जाने से यह समय सोशल मीडिया और इंटरनेट पर बर्बाद हो जाता है. अगर इसे सुधारा न जाए तो धीरे-धीरे यह आदत आपके रिलेशनशिप और पर्सनल बॉन्डिंग को भी कमजोर कर सकती है.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.