World Photography Day 2025: विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है. यह दिन सिर्फ तस्वीरें लेने का नहीं बल्कि फोटोग्राफी के इतिहास, महत्व और कला को समझने का अवसर है. फोटोग्राफी हमारी यादों को संजोती है और हर पल की कहानी बयां करती है. सोचिए, एक तस्वीर कैसे आपके बचपन की यादें, परिवार के खास पल या यात्रा की झलक एक ही फ्रेम में कैद कर सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस खास दिन का रोचक इतिहास, इसका महत्व और कैसे तस्वीरें बदलती हैं हमारी यादें.
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास
फोटोग्राफी की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी. पहला स्थायी फोटो 1826 में फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नियसेफोर निप्से ने लिया था. धीरे-धीरे फोटोग्राफी कला और विज्ञान का अहम हिस्सा बन गई. अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 19 अगस्त 1839 को हुई थी. फ्रांस सरकार ने लुई डैगुएर की खोज ‘डैगुएरोटाइप’ को जनता के लिए पेश किया था. इसे आधुनिक फोटोग्राफी की शुरुआत माना जाता है.
World Photography Day 2025: फोटोग्राफी का महत्व
यादें संजोना: फोटोग्राफी हमारे जीवन के खास पलों को हमेशा के लिए बचा लेती है. जन्मदिन, शादी, यात्रा या उत्सव, हर तस्वीर हमारी यादों का हिस्सा बन जाती है.
समाज और संस्कृति का दस्तावेज: तस्वीरें समाज की संस्कृति, रीति-रिवाज और बदलाव को दिखाती हैं. इतिहासकार और शोधकर्ता इन्हें भविष्य के लिए दस्तावेज मानते हैं.
भावनाओं को दिखाना: कभी-कभी शब्द कम पड़ जाते हैं लेकिन एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर भाव दिखा सकती है. फोटोग्राफी बिना बोले दिल की बात समझा देती है.
कला और सृजनात्मकता: फोटोग्राफी सिर्फ तकनीक नहीं बल्कि कला भी है. यह सोच और नजरिया सामने लाती है. फोटोग्राफर कैमरे के जरिए दुनिया को नया रूप दिखा सकते हैं.
जानकारी और जागरूकता फैलाना: समाचार और सोशल मीडिया की तस्वीरें समाज में जागरूकता फैलाती हैं. प्राकृतिक आपदा, सामाजिक मुद्दे या पर्यावरण की स्थिति, तस्वीरें हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.
विश्व फोटोग्राफी दिवस कैसे मनाया जाता है
विश्व फोटोग्राफी दिवस पर लोग अलग-अलग तरीके से इसे मनाते हैं.
- फोटोग्राफी प्रतियोगिता और प्रदर्शनी
- सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करना
- फोटोग्राफी वर्कशॉप और सेमिनार
- परिवार और दोस्तों के साथ फोटोग्राफी ट्रिप या शूट
तस्वीरें कैसे बदलती हैं हमारी यादें
हर तस्वीर एक कहानी बताती है. पुरानी तस्वीरें बचपन, परिवार और खास पलों की याद दिलाती हैं. डिजिटल युग में तस्वीरें सिर्फ हमारी व्यक्तिगत यादों तक सीमित नहीं हैं. सोशल मीडिया पर साझा होने से ये यादें और अनुभव दूसरों तक भी पहुंचते हैं.
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.