Suresh Raina ED Summons: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों की चल रही जांच के सिलसिले में बुधवार को अपने दिल्ली कार्यालय में तलब किया है. हिंदुस्तान टाइम्स ने ईडी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है. इससे पहले दिन में, मुंबई से आई ईडी की जांच टीम ने ‘परीमैच’ नामक सट्टेबाजी ऐप के पीछे के रैकेट के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, जयपुर, मदुरै और सूरत में 15 स्थानों पर तलाशी ली. 2024 में मुंबई के साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज मामले पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की गई है.
रैना से पूछताछ की जानकारी नहीं
टीम इंडिया के पूर्व स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना से संभावित पूछताछ के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. ईडी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स द्वारा उपयोगकर्ताओं को ठगने और धन शोधन की व्यापक जांच के तहत कई शहरों में विभिन्न थ्रेड्स पर नजर रख रहा है. सोमवार को, अभिनेता राणा दग्गुबाती हैदराबाद में ईडी के समक्ष जांच से जुड़े एक मामले में पेश हुए. एजेंसी ने जुलाई में चार अभिनेताओं – प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और लक्ष्मी मांचू को समन जारी किया था. एजेंसी ने पिछले महीने गूगल और मेटा के अधिकारियों को भी उन सट्टेबाजी ऐप्स की जांच में सहायता के लिए तलब किया था जो छद्म विज्ञापनों के लिए कई प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं.
करीब 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता
वित्तीय अपराध जांच एजेंसी मीडिया घरानों सहित कई हितधारकों से बात कर रही है, जिन्हें इन प्लेटफॉर्म्स से विज्ञापनों के लिए धन प्राप्त हुआ हो सकता है. एजेंसी के अधिकारियों ने पहले भी एचटी को बताया था कि पिछले कुछ वर्षों में प्रतिबंधित सट्टेबाजी प्लेटफार्मों ने नाम बदलकर अपना संचालन जारी रखा है और मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया प्रभावितों द्वारा उनका प्रचार किया गया है. एक अधिकारी ने बताया, ‘ये प्लेटफॉर्म भारत सरकार के कई कानूनों और निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. अनुमान है कि लगभग 22 करोड़ (220 मिलियन) भारतीय उपयोगकर्ता वर्तमान में विभिन्न सट्टेबाजी ऐप्स पर लगे हुए हैं और इनमें से 11 करोड़ (110 मिलियन) नियमित उपयोगकर्ता हैं.’
सट्टेबाजी बाजार का मूल्य लगभग 100 मिलियन डॉलर
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि 2025 के पहले तीन महीनों में ही अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों या ऐप्स पर 1.6 बिलियन से अधिक विजिट दर्ज की गईं और यह संदेह है कि भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी बाजार का मूल्य लगभग 100 मिलियन डॉलर हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘अनुमान यह भी बताते हैं कि शीर्ष सट्टेबाजी ऐप्स हर साल 27,000 करोड़ रुपये का कर चोरी कर रहे हैं.’ अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ठगे गए उपयोगकर्ताओं से mule accounts में धन एकत्र किया गया था, जिसे कई भुगतान एग्रीगेटर्स और मनी ट्रांसफर एजेंटों के माध्यम से स्तरित किया गया था. कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक.’
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