ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने और रोजगार के नए अवसर देने के लिए केंद्र सरकार ने कौशल भारत मिशन के तहत निजी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ साझेदारी को और अधिक मजबूत किया है. इन पहलों से अब तक 25 लाख से अधिक युवाओं को लाभ मिला है. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस), औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के ज़रिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कौशल, पुनः-कौशल और उच्च-कौशल प्रशिक्षण दे रहा है. इसका लक्ष्य युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से लैस करके भविष्य के रोजगार बाजार के लिए तैयार करना है.
बड़ी कंपनियों से मिलाया हाथ
मंत्रालय ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत IBM इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को, एडोब इंडिया, अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) और फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (FRSN) जैसी कंपनियों के साथ समझौते किए हैं. इनके सहयोग से आधुनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल टूल्स और इंडस्ट्री 4.0 से जुड़े कौशल की ट्रेनिंग दी जा रही है. माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल सर्विसेज सेंटर के साथ मिलकर “AI करियर” पहल शुरू की गई है, जिसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों की महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाने के लिए तैयार किया जाएगा.
वैश्विक साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय अवसर
भारत सरकार ने 12 देशों के साथ कौशल विकास व व्यावसायिक शिक्षा में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए हैं. इसके अलावा, विदेशों में कुशल श्रमिकों की मांग को पूरा करने के लिए 30 “स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर” स्थापित करने की योजना है. आईटीआई छात्रों को उद्योग में सीधे प्रशिक्षण देने के लिए “फ्लेक्सी एमओयू योजना” और “दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली” (DST) लागू की गई है.
युवाओं को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत अहमदाबाद और मुंबई में स्थापित भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और इंडस्ट्री 4.0 तकनीक से लैस हैं, जो युवाओं को व्यावहारिक व तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं. राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद अब तक 61 निजी पुरस्कार देने वाली संस्थाओं और 68 निजी मूल्यांकन एजेंसियों को मान्यता दे चुकी है, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित हो रही है.कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में कहा, “सरकारी-निजी भागीदारी न केवल युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है”.