आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने नालों की डिसिल्टिंग में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि लगता है अब भ्रष्टाचार छिपाने के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार नालों की डिसिल्टिंग से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज़ को नष्ट कर रही है। मैंने अपने नाम से आरटीआई दाखिल की थी कि शहरी विकास मंत्री रहते हुए मेरे द्वारा तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार को डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए जो निर्देश दिए गए थे, उस पर क्या कार्रवाई हुई? इसके जवाब में मुख्य सचिव ऑफिस ने कहा है कि उनको मेरे द्वारा भेजी गई डिसिल्टिंग और थर्ड पार्टी ऑडिट की शिकायत मिली ही नहीं है।
दिल्ली सरकार क्यों नहीं दे रही जवाब?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस पत्र की कॉपी मीडिया और सोशल मीडिया के पास है, वो पत्र मुख्य सचिव को मिला ही नहीं? ये तो सीधा कानूनी अपराध है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भाजपा सरकार दिल्ली में हुई नालों की डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट से क्यों भाग रही है? बार-बार पूछने पर भी दिल्ली सरकार का जवाब क्यों नहीं आ रहा है? आखिर थर्ड पार्टी ऑडिट पर सरकार क्यों चुप है? रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कई दिनों से दिल्ली में जब भी बारिश हो रही है, पूरी दिल्ली की सड़कें डूबकर पानी-पानी हो रही हैं। कनॉट प्लेस तक में पानी भरते हुए हमने देखा है।
रक्षा बंधन पर बहनों का रहा बुरा हाल
शनिवार को रक्षा बंधन के दिन जल भराव के कारण बहनें तीन-चार घंटे सड़कों पर फंसी रहीं। राखी बांधने का इंतजार करती रहीं। इस दौरान सात लोग दीवार गिरने से मर गए। जलभराव की वजह से दीवार गिर गई। मरने वाले सात लोगों में दो बच्चे, दो महिलाएं और तीन पुरुष थे। इसके अलावा, एक ढाई साल का बच्चा अपने घर से बाहर निकला। ढाई-तीन घंटे बाद जब बहनों ने उसे ढूंढा कि भाई को राखी बांधनी है, तो सीसीटीवी से पता चला कि उनका ढाई साल का भाई घर के बाहर खुले सीवर में डूबकर मर गया। ढाई साल के बच्चे को राखी नहीं बंधी।
क्या डिसिल्टिंग में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सवाल यह है कि भाजपा सरकार डिसिल्टिंग का ढोल पिछले चार महीने से पीट रही है। डिसिल्टिंग पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। अब सवाल ये है कि क्या डिसिल्टिंग में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है? उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से कह रहा हूं कि पिछले वर्ष भाजपा के एलजी और केंद्र के चहेते मुख्य सचिव नरेश कुमार को बार-बार पत्र लिखा गया कि हाई कोर्ट का आदेश है कि जितनी भी डिसिल्टिंग हो रही है, उसकी थर्ड पार्टी ऑडिट स्वतंत्र एजेंसी से करानी है। इसके बावजूद मुख्य सचिव नरेश कुमार ने थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं कराई।
क्या छिपाया जा रहा है?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने इसकी शिकायत केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को भी की थी कि सीएस नरेश कुमार डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट क्यों नहीं करा रहे हैं? डिसिल्टिंग की रिपोर्ट मांगने पर मंत्री को रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है? क्या छिपाया जा रहा है? इस पर गृह मंत्रालय चुप रहा। एलजी चुप रहे। भाजपा चुप रही। इस वर्ष मैंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को कहा कि पिछले वर्ष हाई कोर्ट का आदेश था, उन्हें डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट करानी है। अगर उन्होंने कराई है, तो बताइए। रेखा गुप्ता ने पत्र का जवाब नहीं दिया।
गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर की शिकायत
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अंततः मैंने अपने नाम से आरटीआई RTI दाखिल कर पूछा कि मेरे द्वारा मुख्य सचिव को 13 जून, 2024 को पत्र लिखकर कहा गया था कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट कराइए। यह लिखित में एक शहरी विकास मंत्री द्वारा मुख्य सचिव को कहा गया था। इससे पहले कई बार डिसिल्टिंग की रिपोर्ट भी मांगी गई थी। जब जवाब नहीं आया, तो 14 जून को मैंने भारत सरकार के गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर शिकायत की। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
थर्ड पार्टी ऑडिट पर क्या हुई कार्रवाई?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लगभग 15 दिन पहले मैंने अपने नाम से आरटीआई RTI दाखिल की थी कि मेरे द्वारा मुख्य सचिव नरेश कुमार को डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए जो निर्देश दिए गए थे, उस पर क्या कार्रवाई हुई? उसकी फाइल नोटिंग दीजिए। मुख्य सचिव ने उस पर क्या निर्देश दिए, उसकी फाइल नोटिंग दीजिए। अगर थर्ड पार्टी ऑडिट हुई, तो उसमें क्या निकला, उसका पूरा ब्योरा दीजिए ताकि भ्रष्टाचार उजागर हो सके।
दिल्ली सरकार कर रही सरकारी दस्तावेज गायब
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “29 जुलाई 2025 को मुख्य सचिव के दफ्तर से आए आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि 28 जुलाई 2025 को इस कार्यालय में आरटीआई आवेदन प्राप्त किया, इस संबंध में आपको सूचित किया जाता है कि संदर्भित पत्र, डायरी नंबर एम/5/2024/1752, मुख्य सचिव के कार्यालय में कभी प्राप्त ही नहीं हुआ।” यानी अब दिल्ली सरकार सरकारी दस्तावेज गायब कर रही है, नष्ट कर रही है।
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सोशल मीडिया और पत्रकारों के पास मौजूद पत्र
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह वह पत्र है, जो मैंने चोरी-छिपे नहीं लिखा था। जब यह पत्र मुख्य सचिव को लिखा गया, तो मैंने प्रेस वार्ता करके प्रेस में बताया कि मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। थर्ड पार्टी ऑडिट का क्या हुआ? इसके अगले दिन, 14 जून को, मैंने गृह मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र लिखा। ये सारे पत्र सोशल मीडिया पर और पत्रकारों के पास मौजूद हैं। मैंने ये पत्र सोशल मीडिया से निकाले हैं। आज दिल्ली की भाजपा सरकार कह रही है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं है कि 13 जून 2024 को मुख्य सचिव नरेश कुमार को ऐसा कोई पत्र या निर्देश लिखा गया था। वह उन्हें कभी मिला ही नहीं।
सबूतों और दस्तावेजों को नष्ट करने की कोशिश
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार को छिपाने, पुराने मुख्य सचिव नरेश कुमार को बचाने और वर्तमान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सबूतों और दस्तावेजों को नष्ट करने की कोशिश है। यह सबके सामने है। यह सारी आरटीआई और आरटीआई का जवाब, जो दिल्ली के मुख्य सचिव के दफ्तर से आया है, उसे हम सार्वजनिक कर देंगे। आम आदमी पार्टी चाहती है कि रेखा गुप्ता सरकार से पूछा जाए कि दिल्ली सरकार के अंदर यह क्या गड़बड़झाला चल रहा है। इतनी बदमाशी तो हमने पहले नहीं सुनी।