टैरिफ-टैरिफ खेलते रहे, उधर यूरोप-अमेरिका को निगलने की तैयारी में ‘ड्रैगन’! 3 मिनट में पढ़ें पूरी खबर
China Digital War: तकनीकी और जियोपॉलिटिक्स जगत के विशेषज्ञ लंबे समय से चीन के बढ़ते डिजिटल वर्चस्व को लेकर आगाह कर रहे हैं. उइगर-अमेरिकी नेता सालिह हुदयार ने चेतावनी दी है कि बीजिंग समुद्र के नीचे बिछाए गए केबल, डेटा सेंटर और निगरानी प्लेटफॉर्म के जरिए एक “अदृश्य युद्ध” छेड़ चुका है. उनका दावा है कि यह युद्ध केवल व्यापारिक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों की सुरक्षा और लोकतंत्र के लिए सीधा खतरा है.
China Digital War: पूर्वी तुर्किस्तान में एआई केंद्र और पश्चिमी चिप्स का इस्तेमाल
हुदयार ने खुलासा किया कि चीन पूर्वी तुर्किस्तान में बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा सेंटर बना रहा है, जहां उइगर समुदाय सरकारी उत्पीड़न का सामना कर रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिकी और पश्चिमी चिप्स पर निर्यात प्रतिबंध के बावजूद, ये परियोजनाएं इन्हीं उन्नत तकनीकों से संचालित हो रही हैं. हुदयार के अनुसार, अल्पकालिक व्यापार लाभ के लिए अमेरिका चीन के डिजिटल विस्तार को बढ़ावा दे रहा है, जो अंततः हथियार बनकर पश्चिम के खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है.
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China Digital War in Hindi: मनोरंजन की आड़ में निगरानी का मंच
हुदयार ने बाइटडांस की स्वामित्व वाली टिकटॉक को “मनोरंजन के रूप में निगरानी मंच” करार दिया. पियुव्रे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं का डेटा एकत्र कर बीजिंग को सौंपता है, जिससे लाखों पश्चिमी नागरिकों के डिजिटल प्रोफाइल तैयार होते हैं. हुदयार का कहना है कि इससे भविष्य में ब्लैकमेलिंग, राजनीतिक हेरफेर और वैचारिक प्रभाव फैलाने का खतरा बढ़ जाता है.
वैश्विक संचार ढांचे पर चीन की पकड़
समुद्र के नीचे बिछाई जाने वाली केबलें, जो इंटरनेट और संचार के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं, अब चीन की रणनीति का अहम हिस्सा हैं. हुदयार ने चेतावनी दी कि इस ढांचे पर बीजिंग को प्रभुत्व देने से संवेदनशील डेटा तक उसकी पहुंच आसान हो जाएगी और संकट के समय पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाएं और सेनाएं पंगु हो सकती हैं.
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चीन की आक्रामक रणनीति और हुआवे का रोल
हुदयार ने कहा कि चीन की कंपनियां, खासकर हुआवे जैसी मल्टीनेशनल टेक फर्म, वैश्विक स्तर पर दूरसंचार उपकरण और डिवाइस सप्लाई कर रही हैं. कई कंपनियों पर डेटा चोरी के आरोप लग चुके हैं. चीन बिना अनुमति के सुरक्षित समुद्री केबल बिछाने से लेकर संचार उपकरणों में अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए आक्रामक अभियान चला रहा है.
हुदयार ने साफ कहा कि यह “साइलेंट वार” है और अगर पश्चिमी देश जल्द कार्रवाई नहीं करते तो आने वाले समय में चीन का डिजिटल वर्चस्व अजेय हो जाएगा. उन्होंने पश्चिम से घरेलू तकनीकी बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करने की अपील की, भले ही इसकी कीमत ज्यादा क्यों न चुकानी पड़े.