इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया की भूल, माइकल क्लार्क ने बताया- अपने एक्स फैक्टर को ही नहीं खिलाया, वरना जीत जाते सीरीज
Michael Clarke on Kuldeep Yadav : भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबरी पर समाप्त हुई. दोनो टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता चरम स्तर तक पहुंची और सभी मैच खेल के पांचवें दिन ही समाप्त हुआ. भारतीय बल्लेबाजी इस पूरी सीरीज की हाईलाइट रही. गेंदबाजी में भी फास्ट बॉलर्स का जलवा दिखा, लेकिन भारत को थोड़ा जूझना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि इंग्लैंड में हाल ही में समाप्त हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत ने कुलदीप यादव को न खिलाकर गलती की. उन्होंने कहा कि कुलदीप भारत का एक्स फैक्टर थे, अगर भारत ने उन्हें मौका दिया होता, तो शायद उनके पास मौका बन सकता था. हालांकि, उन्होंने भारत के स्पिन जोड़ी रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन के लिए तारीफ भी की.
क्लार्क ने अपने यूट्यूब चैनल बियॉन्ड23 क्रिकेट पॉडकास्ट पर कहा, “कुलदीप यादव को लेकर जो चर्चा हो रही है, वह मेरी नजर में सही है. उन्होंने इस सीरीज में कोई भूमिका नहीं निभाई. मुझे लगता है कि वह भारत को इस सीरीज में 20 विकेट दिलाने में मदद कर सकते थे. लेकिन इन दोनों (सुंदर और जडेजा) से कुछ भी छीन नहीं सकते. बल्लेबाजी में बेहतरीन, गेंदबाजी में बेहतरीन. इसलिए इन दोनों खिलाड़ियों या स्पिनरों की कोई आलोचना नहीं हो सकती. उन्होंने सीरीज में जो प्रभाव डाला, उसके लिए उन्होंने अपनी जगह पूरी तरह साबित की और उसे दोनों हाथों से थामा.”
क्लार्क का मानना है कि कुलदीप भारत के लिए एक एक्स-फैक्टर हैं और वे पूरी सीरीज में टीम को एक मैच में 20 विकेट दिलाने में मदद कर सकते थे. उन्होंने यह भी कहा कि जडेजा और सुंदर की बल्लेबाजी को लोग कम आंकते हैं. क्लार्क ने कहा, “मुझे लगता है कि कुलदीप को लेकर चर्चा आगे भी जारी रहेगी क्योंकि वह पूरे भारत के लिए एक एक्स-फैक्टर हैं. वह इस सीरीज में टीम को 20 विकेट दिलाने में मदद कर सकते थे. और इन दोनों स्पिनरों की बल्लेबाजी को लोग कम आंकते हैं. खासकर जडेजा जैसे खिलाड़ी, जो भारत के लिए इतने महत्वपूर्ण रन बनाते हैं. और वॉशिंगटन सुंदर का एक और पचासा भी शानदार था.”
इंग्लैंड दौरे पर जडेजा और वाशिंगटन का प्रदर्शन
जडेजा एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. उन्होंने 5 मैचों में 86.00 की औसत से 516 रन बनाए, जिसमें पांच अर्धशतक और एक शतक शामिल था. गेंदबाजी में उन्होंने 72.42 की औसत से 7 विकेट लिए. वहीं, सुंदर ने सीरीज में 47.33 की औसत से 284 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक और एक शतक शामिल था.
कुलदीप यादव ने 8 साल में खेले केवल 13 टेस्ट
वहीं कुलदीप ने 2017 में टेस्ट डेब्यू के बाद अब तक सिर्फ 13 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 22.16 की औसत से 56 विकेट लिए हैं और चार बार पांच या उससे ज्यादा विकेट हासिल किए हैं. इंग्लैंड में उन्होंने सिर्फ एक मैच (2018) खेला है जिसमें उन्हें कोई विकेट नहीं मिला, हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ उनका टेस्ट रिकॉर्ड अच्छा है. उन्होंने 6 मैचों में 22.28 की औसत से 21 विकेट लिए हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/72 रहा है. एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में पूरे समय बेंच पर रहने के बाद कुलदीप यादव अब दलीप ट्रॉफी में वापसी करेंगे, जहां वह इस महीने के अंत में सेंट्रल जोन के लिए स्पिन आक्रमण की अगुवाई करेंगे.
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