PVTG Population in Jharkhand: झारखंड में कितनी आदिम जनजातियां रहतीं हैं. सबसे ज्यादा विलुप्तप्राय आदिम जनजातियां (PVTG) किस जिले में हैं. झारखंड में कुल 32 जनजातियां रहतीं हैं. इनमें से 8 आदिम जनजातियां हैं. असुर, बिरहोर, बिरजिया, कोरवा, माल पहाड़िया, पड़हैया, सौरिया पहाड़िया और सबर जनजातियां झारखंड में निवास करती हैं. सभी 8 जनजातियों की कुल आबादी 2,92,359 है. झारखंड के 8 जिले (रांची, रामगढ़, बोकारो, सरायकेला-खरसावां, धनबाद, गिरिडीह, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम) ऐसे हैं, जहां सभी 8 आदिम जनजातियों के लोग रहते हैं.
आदिम जनजातियों में सबसे बड़ी आबादी माल पहाड़िया की
झारखंड में आदिम जनजातियों में सबसे बड़ी आबादी माल पहाड़िया जनजाति की है. सौरिया पहाड़िया दूसरे नंबर पर है. इसके बाद कोरवा, पड़हैया, असुर, बिरहोर, सबर और बिरजिया क्रमश: तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे, सातवें और आठवें नंबर पर हैं. माल पहाड़िया एकमात्र पीवीटीजी है, जिसकी आबादी एक लाख से अधिक है. इसकी कुल आबादी 1,35,797 है. इस जनजाति के लोग राज्य के सभी 24 जिलों में पाये जाते हैं.
बिरजिया जनजाति के सबसे कम लोग हैं झारखंड में
राज्य में 46,222 सौरिया पहाड़िया, 35,606 कोरवा, 25,585 पड़हैया, 22,459 असुर, 10,726 बिरहोर, 9,688 सबर और 6,276 बिरजिया जनजाति के लोग रहते हैं. इस तरह राज्य में रहने वाली आदिम जनजातियों में सबसे कम आबादी बिरजिया की है.
सबसे ज्यादा आदिम जनजातियां पाकुड़ जिले में
आदिम जनजातियों की सबसे ज्यादा आबादी पाकुड़ जिले में रहती है. इस जिले में 29,233 आदिम जनजातियां हैं. इसमें 3 असुर, 1 बिरहोर, 5 कोरवा, 38,120 माल पहाड़िया, 125 पड़हैया, 10,875 सौरिया पहाड़िया और 104 सबर शामिल हैं.
साहिबगंज जिले में 42725 आदिम जनजाति के लोग
साहिबगंज जिले में 42,725 आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. इसमें 17 असुर, 1 बिरहोर, 17 कोरवा, 21,409 माल पहाड़िया, 66 पड़हैया, 57 सौरिया पहाड़िया और 210 सबर शामिल हैं.
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दुमका जिले में 6 आदिम जनजातियों का है निवास
दुमका जिले में 6 आदिम जनजातियां निवास करतीं हैं. इनकी कुल संख्या 39,921 है. असुर जनजाति की आबादी 51 है, तो बिरहोर की 3, माल पहाड़िया की 39,534, पड़हैया की 66, सौरिया पहाड़िया की 57 और सबर जनजाति की आबादी 210 है. संताल परगना में सबसे ज्यादा माल पहाड़िया जनजाति के लोग दुमका में ही रहते हैं.
गढ़वा में हैं 6 जनजातियां, सबसे अधिक ‘कोरवा’
गढ़वा में 6 जनजातियों (असुर, बिरजिया, कोरवा, माल पहाड़िया, पड़हैया, सौरिया पहा़ड़िया और सबर) की कुल संख्या 33,880 हैं. यहां 1,584 असुर, 115 बिरजिया, 25,268 कोरवा, 420 माल पहाड़िया, 6,489 पड़हैया और 4 सबर जनजातियां रहतीं हैं.
गोड्डा में आदिम जनजातियों की आबादी 30 से अधिक
गोड्डा जिले में आदिम जनजातियों की कुल आबादी 30,075 है. यहां सबसे ज्यादा माल पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया की आबादी है. इस जिले में माल पहाड़िया की आबादी 16,183 और सौरिया पहाड़िया की 13,688 है. इस जिले में 2 असुर, 1 कोरवा, 138 पड़हैया और 63 सबर जनजाति के लोग रहते हैं.
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असुर जनजाति की सबसे बड़ी आबादी गुमला में
गुमला जिले में 16,551 आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. इसमें सबसे ज्यादा 11,396 असुर जनजाति के लोग हैं. 696 बिरहोर, 1,267 बिरजिया, 2,930 कोरवा, 87 माल पहाड़िया, 71 पड़हैया और 104 सबर जनजाति के लोग भी इस जिले में रहते हैं.
7 आदिम जनजातियां निवास करती हैं लातेहार में
लातेहार जिले में 7 आदिम जनजातियों की कुल आबादी 16,173 है. इस जिले में 2,096 असुर, 192 बिरहोर, 4,124 बिरजिया, 2,733 कोरवा, 69 माल पहाड़िया, 6,954 पड़हैया और 5 सबर जनजाति के लोग रहते हैं.
पलामू जिले में 10 हजार से अधिक पड़हैया जनजाति
पलामू जिले में सभी 8 आदिम जनजातियां पायी जाती हैं. सबसे ज्यादा 10,330 पड़हैया जनजाति के लोग इस जिले में रहते हैं. 447 असुर, 4 बिरहोर, 16 बिरजिया, 3,397 कोरवा, 247 माल पहाड़िया, 1 सौरिया पहाड़िया और 3 सबर जनजाति के लोग इस जिले में हैं.
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PVTG Population: देवघर में सबसे ज्यादा 12269 माल पहाड़िया
बाबानगरी देवघर में बिरजिया और कोरवा को छोड़कर सभी 6 जनजातियां पायी जाती हैं. देवघर जिले में 19 असुर, 40 बिरहोर, 12,269 माल पहाड़िया, 63 पड़हैया, 121 सौरिया पहाड़िया और 13 सबर जनजाति के लोग निवास करते हैं. देवघर में कुल 12,525 आदिम जनजाति के लोग रहते हैं.
पूर्वी सिंहभूम में रहती हैं सभी 8 आदिम जनजातियां
पूर्वी सिंहभूम जिले में सभी 8 आदिम जनजातियों की कुल आबादी 9,426 है. इसमें सबसे ज्यादा 8,117 सबर जनजाति के लोग हैं. 22 असुर, 343 बिरहोर, 41 बिरजिया, 176 कोरवा, 566 माल पहाड़िया, 25 पड़हैया और 136 सौरिया पहाड़िया जनजाति के लोग इस जिले में निवास करते हैं.
जामताड़ा में आदिम जनजातियों की आबादी 5208
जामताड़ा जिले में आदिम जनजातियों की कुल आबादी 5,208 है. इसमें सबसे बड़ी संख्या 5,014 माल पहाड़िया जनजाति की है. असुर जनजाति के 8, बिरहोर जनजाति के 18, माल पहाड़िया जनजाति के 5,014, पड़हैया जनजाति के 30, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 82 और सबर जनजाति के 56 लोग संताल परगना के इस जिले में पाये जाते हैं.
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हजारीबाग में बिरहोर और असुर की संख्या सबसे ज्यादा
हजारीबाग जिले में कुल 3,802 आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. इस जिले में आदिम जनजातियों में सबसे ज्यादा 2,049 बिरहोर और 1,640 असुर जनजाति की आबादी है. 6 बिरजिया, 4 कोरवा, 93 माल पहाड़िया, 4 सौरिया पहाड़िया और 6 सबर जनजाति के लोग भी इस जिले में पाये जाते हैं.
लोहरदगा में आदिम जनजातियों में सबसे ज्यादा असुर
लोहरदगा जिले में रहने वाली 3,130 आदिम जनजातियों में सबसे ज्यादा 2,004 असुर हैं. इसके बाद नंबर आता है बिरजिया का. इस जिले में बिरजिया जनजाति की आबादी 584 है. इस जिले में 117 बिरहोर, 1 कोरवा, 19 माल पहाड़िया, 402 पड़हैया और 3 सबर जनजाति के लोग रहते हैं.
चतरा में बिरहोर की आबादी है सबसे ज्यादा
चतरा जिले में आदिम जनजातियों की कुल आबादी 2970 है. इसमें सबसे बड़ी आबादी बिरहोरों की है, जो 2,337 है. पड़हैया जनजाति के 590 लोग इस जिले में रहते हैं. 33 असुर, 1 बिरजिया, 8 माल पहाड़िया, और 1 सबर जनजाति से ताल्लुक रखने वाले लोग चतरा जिले में हैं.
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रामगढ़ में आदिम जनजातियों में असुर, बिरहोर अधिक
राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले में पायी जाने वाली सभी 8 आदिम जनजातियों की कुल आबादी 2,117 है. पड़हैया, सौरिया पहाड़िया और कोरवा जनजाति के लोगों की संख्या यहां 0 (शून्य) है. सबसे ज्यादा 1,412 असुर और 591 बिरहोर जनजाति के लोग इस जिले में हैं. 8 माल पहाड़िया, 1 बिरजिया और 1 सबर जनजाति का भी इस जिले में निवास है.
सरायकेला में रहने वाली जनजातियों के बारे में भी जानें
सरायकेला-खरसावां जिले में सभी 8 जनजातियां रहतीं हैं. इनकी कुल आबादी 2,027 है. माल पहाड़िया, सबर, कोरवा और बिरहोर जनजाति की आबादी यहां सबसे ज्यादा है. 997 माल पहाड़िया, 501 सबर, 348 कोरवा और 131 बिरहोर जनजाति के लोग इस जिले में हैं. असुर जनजाति के 12, बिरजिया जनजाति के 8, पड़हैया के 11 और सौरिया पहाड़िया जनजाति के 19 लोग रहते हैं.
बोकारो जिले में रहती हैं सबर समेत ये जनजातियां
बोकारो जिले में आदिम जनजातियों की 1,723 आबादी है. जनजातियों में यहां सबसे ज्यादा 1,194 लोग सबर जनजाति के रहते हैं. इस जिले में 305 बिरहोर, 3 बिरजिया, 16 कोरवा, 58 माल पहाड़िया, 28 पड़हैया, 40 सौरिया पहाड़िया और 79 सबर जनजाति के लोग पाये जाते हैं.
कोडरमा जिले में आदिम जनजाति की आबादी 1497
कोडरमा जिले में भी आदिम जनजातियां पायी जाती हैं. इनकी कुल आबादी 1,497 है. इस जिले में आदिम जनजातियों में सबसे बड़ी आबादी बिरहोर की है. 1,321 बिरहोर जनजाति के लोग कोडरमा जिले में रहते हैं. असुर जनजाति के 145 लोग यहां रहते हैं. बिरजिया जनजाति के 8, माल पहाड़िया जनजाति के 4, पड़हैया जनजाति के 2, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 7 और सबर जनजाति के 10 लोग कोडरमा जिले में रहते हैं.
रांची में बिरहोर, माल पहाड़िया और असुर जनजाति
झारखंड की राजधानी रांची में सभी 8 आदिम जनजातियां रहतीं हैं. सबसे ज्यादा बिरहोर, माल पहाड़िया और असुर जनजाति के लोग रांची में हैं. बिरहोर जनजाति के 791, माल पहाड़िया जनजाति के 177, असुर जनजाति के 109, बिरजिया के 49, कोरवा जनजाति के 32, पड़हैया जनजाति के 17, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 44 और सबर जनजाति के 33 लोग रांची में रहते हैं.
सिमडेगा में भी निवास करती हैं कई आदिम जनजातियां
सिमडेगा जिले में 961 आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. सबसे ज्यादा 564 लोग कोरवा जनजाति के और 314 बिरहोर जनजाति के लोग रहते हैं. असुर जनजाति के 38, बिरजिया जनजाति के 18, माल पहाड़िया जनजाति के 22, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 2 और सबर जनजाति के 3 लोग सिमडेगा जिले में रहते हैं.
पश्चिमी सिंहभूम में आदिम जनजातियों की संख्या मात्र 911
पश्चिमी सिंहभूम जिले में सभी 8 आदिम जनजाति की कुल आबादी 911 है. सबसे ज्यादा आबादी बिरहोरों की है. इनकी संख्या पश्चिमी सिंहभूम में 553 है. दूसरे नंबर पर सबर जनजाति की आबादी है, जो 140 है. असुर जनजाति की आबादी 65, बिरजिया की 2, कोरवा की 65, माल पहाड़िया की 77, पहाड़िया जनजाति की 3 और सौरिया पहाड़िया जनजाति की आबादी 6 है.
गिरिडीह की आदिम जनजातियों के बारे में भी जानें
गिरिडीह जिले में आदिम जनजातियों की आबादी 833 है. सबसे ज्यादा 554 बिरहोर जनजाति के लोग इस जिले में हैं.असुर जनजाति के 59, बिरजिया जनजाति के 1, कोरवा जनजाति के 1, कोरवा जनजाति के 6, माल पहाड़िया जनजाति के 173, पड़हैया जनजाति के 2, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 21 और सबर जनजाति के 17 लोग इस जिले में रहते हैं.
धनबाद में रहने वाली जनजातियों में बिरहोर सबसे अधिक
कोयला नगरी धनबाद में आदिम जनजातियों की कुल आबादी 736 है. यहां असुर जनजाति के 48, बिरहोर जनजाति के 310, बिरजिया जनजाति के 3, कोरवा जनजाति के 30, माल पहाड़िया जनजाति के 214, पड़हैया जनजाति के 7, सौरिया पहाड़िया जनजाति के 13 और सबर जनजाति के 111 लोग धनबाद जिले में हैं.
खूंटी में आदिम जनजातियों की संख्या सबसे कम
राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले में आदिम जनजातियों की संख्या सबसे कम 238 है. असुर जनजाति के 55, बिरहोर जनजाति के 56, बिरजिया जनजाति के 13, कोरवा जनजाति के 12, माल पहाड़िया जनजाति के 13 और सबर जनजाति के 7 लोग इस जिले में पाये जाते हैं. इस जिले में सौरिया पहाड़िया जनजाति की आबादी सबसे ज्यादा 82 है.
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