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दुश्मन से लड़ेंगे ड्रोन! भारतीय सेना में होगा बड़ा बदलाव


Indian Army : भारतीय सेना में बड़ा बदलाव करने की तैयारी चल रही है. अब ज्यादातर बटालियनों (सेना की इकाइयों) में बिना पायलट वाले ड्रोन (UAV) और दुश्मन के ड्रोन को मार गिराने वाले सिस्टम (काउंटर-UAV) को सामान्य हथियार के रूप में शामिल किया जाएगा. इस बदलाव के तहत सेना में हल्की कमांडो बटालियन बनाई जाएंगी, एक साथ मिलकर काम करने वाली ब्रिगेड तैयार होंगी और भविष्य की लड़ाइयों को ध्यान में रखते हुए खास तोपखाना (आर्टिलरी) यूनिट्स बनाई जाएंगी. इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है.

सेना को और मजबूत करने की तैयारी

सूत्रों ने बताया कि सेना में बदलाव के तहत हल्की कमांडो बटालियन बनाई जाएंगी. भविष्य की लड़ाइयों के लिए विशेष आर्टिलरी रेजीमेंट और यूनिट्स बनाई जाएंगी. ये सभी तैयारियां आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की जा रही हैं. इन योजनाओं पर कई महीनों से चर्चा चल रही थी, लेकिन मई में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना की ओर सरकार खास ध्यान दे रही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद इन्हें तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि सेना और मजबूत हो सके.

सेना में यह बदलाव करने की चल रही है तैयारी

सेना की एक नई योजना के तहत अब पैदल सेना, बख्तरबंद और तोपखाना रेजीमेंट में ड्रोन (UAV) और दुश्मन ड्रोन को रोकने वाले सिस्टम (काउंटर-UAV) को शामिल किया जाएगा. अभी तक इन यूनिटों में ड्रोन तो हैं, लेकिन उन्हें मुख्य हथियार नहीं माना जाता. इस वजह से सैनिकों को अपने असली काम से हटाकर ड्रोन चलाने में लगाया जाता है, जिससे उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियां प्रभावित होती हैं.

सर्विलांस ड्रोन लाने की योजना

नई योजना के तहत हर यूनिट में एक खास टीम बनाई जाएगी, जिसका मुख्य काम ड्रोन चलाना होगा. सूत्रों के मुताबिक, सेना की हर शाखा को निर्देश दिया गया है कि वह ऐसा स्ट्रक्चर तैयार करे, जिसमें कुछ चुने हुए जवानों को सिर्फ ड्रोन चलाने और उससे जुड़े कामों के लिए ट्रेनिंग दी जा सके. उदाहरण के तौर पर, पैदल सेना (इन्फेंट्री) में प्लाटून और कंपनी स्तर पर कई निगरानी ड्रोन (सर्विलांस ड्रोन) लाने की योजना बनाई जा रही है.

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इस योजना के तहत करीब 70 जवानों को अलग-अलग सेक्शन से हटाकर नई ड्रोन टीम में लगाया जाएगा. साथ ही कुछ अन्य जवानों की जिम्मेदारियों में भी बदलाव किया जाएगा. एक इन्फेंट्री यूनिट में चार कंपनियों में 36 फाइटिंग सेक्शन होते हैं, साथ ही कई सपोर्ट प्लाटून होते हैं जो अलग-अलग हथियार और काम संभालते हैं.