World Oldest Child Born: ओहायो के लंदन शहर में एक जोड़े ने ऐसे बच्चे का स्वागत किया है, जो लगभग 30 साल पहले फ्रीज किए गए भ्रूण से जन्मा है. लिंडसे पियर्स (35) और टिम पियर्स (34), जो पिछले सात सालों से बच्चे की चाह में थे, ने पिछले शनिवार को थैडियस डेनियल पियर्स को जन्म दिया है. यह भ्रूण 1994 में लिंडा आर्चर्ड (62) द्वारा इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के जरिए बनाए गए चार भ्रूणों में से एक था. उनमें से एक भ्रूण से लिंडा की बेटी का जन्म हुआ, जो आज 30 साल की है और 10 साल की बेटी की मां है. बाकी तीन भ्रूणों को क्रायोप्रिजर्वेशन यानी ठंडा करके स्टोर किया गया था.
World Oldest Child Born in Hindi: 30 साल से नाइट्रोजन में जमा रखा था
नवंबर 2024 में, लगभग 30 साल तक तरल नाइट्रोजन में जमा रखा गया एक भ्रूण लिंडसे को ट्रांसफर किया गया. इसके बाद उनका बच्चा इस दुनिया में आया. लिंडा आर्चर्ड को तलाक के बाद इन भ्रूणों की कस्टडी मिली थी. उन्होंने “नाइटलाइट क्रिश्चियन एडॉप्शन्स” की “स्नोफ्लेक्स” प्रोग्राम के बारे में जाना, जो दाता को उनके धार्मिक और जातीय मूल्यों के आधार पर दत्तक ग्रहण करने वाले परिवार चुनने की सुविधा देता है. लिंडा ने इस भ्रूण को एक सफेद, ईसाई विवाहित जोड़े के लिए “दत्तक ग्रहण” किए जाने की इच्छा जताई थी.
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हर भ्रूण को जीवन का मौका मिलना चाहिए
लिंडा ने MIT टेक्नोलॉजी रिव्यू से कहा कि जब लिंडसे ने मुझे बच्चे की तस्वीरें भेजीं, तो मैंने देखा कि वह मेरी बेटी के बचपन से कितना मिलता-जुलता है. मैंने अपने बेबी बुक से तुलना की, और साफ था कि वे भाई-बहन हैं. इस ट्रांसफर को करने वाला फर्टिलिटी क्लिनिक डॉ जॉन गॉर्डन चलाते हैं, जो कि एक धार्मिक व्यक्ति भी हैं. वे क्रायोप्रिजर्व किए गए भ्रूणों की संख्या कम करने पर काम कर रहे हैं.
डॉ गॉर्डन ने द गार्डियन को बताया कि हमारे कुछ सिद्धांत हैं, जो हमारी आस्था से प्रेरित हैं. हर भ्रूण को जीवन का मौका मिलना चाहिए. एकमात्र भ्रूण जो स्वस्थ बच्चे में नहीं बदल सकता, वह है वह जो ट्रांसफर नहीं किया गया. लिंडसे और टिम ने कहा कि हमने रेकॉर्ड्स बनाने के लिए नहीं किया, बस हमें बच्चा चाहिए था और क्लिनिक का समर्थन मिला. इस जन्म ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जो 2022 में ओरेगन में जन्मे जुड़वाँ बच्चों का था, जो 1992 में जमा किए गए भ्रूण से जन्मे थे.
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IVF क्या है?
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) में महिला के अंडाणु को प्रयोगशाला में पुरुष के शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है. फिर बनने वाले भ्रूण को गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है. भ्रूणों को भविष्य के लिए फ्रीज भी किया जा सकता है.