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न्याय की आस में भटक रही विधवा प्रभावती, जमीन पर दबंगों का कब्जा


भोरे. विजयीपुर थाना क्षेत्र के मुसहरी गांव की विधवा महिला प्रभावती देवी अपनी जमीन बचाने के लिए पिछले कई वर्षों से दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. उनका आरोप है कि भू-माफियाओं ने राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से उनकी जमीन का फर्जी नामांतरण करवा लिया है. प्रभावती देवी के अनुसार उनके पति स्व. सिंहासन कानू के नाम मौजा मुसहरी में जमाबंदी संख्या 135 पर एक बीघा पांच कट्ठा सवा दो धुर जमीन दर्ज थी. सिंहासन कानू ने अपने जीवनकाल में ही उक्त जमीन अपनी पत्नी प्रभावती देवी के नाम बैनामा कर दिया था. लेकिन इसके बाद राजस्व कर्मचारी ने पुरानी जमाबंदी को निरस्त कर नयी जमाबंदी तैयार कर दी, जिसमें रैयत के रूप में जय नारायण साह का नाम चढ़ा दिया गया. महिला का आरोप है कि बिना किसी वैध कानूनी आदेश के मात्र एक रसीद के आधार पर रकबा और रैयत का नाम बदल दिया गया. जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई, तो प्रभावती देवी ने न्यायालय की शरण ली. डीसीएलआर ने सीओ से रिपोर्ट मांगी, जिस पर सीओ ने 2018 में स्वीकार किया कि रकबा और नाम बदल दिये गये हैं. कोर्ट के आदेश पर विजयीपुर थाना में वृद्धिचंद गुप्ता, नागेंद्र गुप्ता, रवि गुप्ता और राजस्व कर्मचारी ध्रुव नारायण वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी तो दर्ज हुई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अनुसंधानकर्ता द्वारा बार-बार रिपोर्ट मांगने के बावजूद सीओ ने रिपोर्ट नहीं दी, जिससे आरोप पत्र दाखिल नहीं हो सका. वहीं उत्तर प्रदेश के भटनी नगर अध्यक्ष विजय कुमार गुप्त ने डीएम और एसपी को पत्र लिखकर मामले में न्याय की गुहार लगायी है.

उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को पैसे और रसूख के दम पर दबाया जा रहा है.

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