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‘दुर्भाग्य से जो वह करते हैं…’ क्या बुमराह को वॉइट बॉल क्रिकेट छोड़ देनी चाहिए? ग्लेन मैक्ग्रा ने दी ये सलाह


Glenn Mcgrath on Jasprit Bumrah: तेज गेंदबाजों के बीच आजकल व्यस्त शेडयूल और अलग अलग फारमैट्स में लगातार खेलने की वजह से चोट लगने के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा का कहना है कि वह पूरी तरह मानते हैं कि 99.9 प्रतिशत गेंदबाजों को फिर से मजबूत होने के लिए आफ-सीजन (आराम का समय) की जरूरत होती है. एमआरएफ पेस फाउन्डेशन में बात करते हुए मैक्ग्रा ने कहा कि भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपने वर्कलोड को मैनेज करने के लिए आफ-सीजन की जरूरत है. बुमराह मेडिकल सलाह के चलते सिर्फ तीन टेस्ट खेल पाए. ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने शुक्रवार को चल रही भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में असामान्य इंग्लिश परिस्थितियों पर टिप्पणी की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस सीरीज और 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ने उनका यह विश्वास फिर से पक्का कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट जिंदा और मजबूत है.

एंडरसन-तेंदुलकर ट्राफी में भारत और इंग्लैंड, दोनों ही टीमें सीरीज के निर्णायक मैच में अपने प्रमुख तेज गेंदबाजों के बिना द ओवल मैदान पर उतरी हैं. भारत को सीरीज बराबर करने के लिए यह टेस्ट जीतना जरूरी है. हालांकि उसे बुमराह को बाहर रखना पड़ा, ताकि उनकी पुरानी पीठ की चोट पर दबाव न पड़े. मैक्ग्रा ने कहा, “उनकी गेंदबाजी एक्शन ज्यादातर तेज गेंदबाजों से अलग है. उनका रन-अप धीमा होता है और आखिरी कुछ कदमों में वह अचानक तेजी लाते हैं. उनके पास हाइपर-एक्सटेंशन है और उनकी कलाई शानदार है. गेंद छोड़ने का उनका तरीका बल्लेबाज के काफी नजदीक से होता है, जो उनकी तकनीक के कारण है. उनके बारे में कई चीजें अनोखी हैं, और जब वह सब सही बैठता है तो बेहतरीन प्रदर्शन निकलता है. उन्होंने समझ लिया है कि उनके लिए क्या काम करता है.”

बुमराह को अक्सर चोट क्यों लग जाती है, मैक्ग्रा ने इस पर कहा कि दुर्भाग्य से जो वह करते हैं, वह शरीर पर बहुत भारी पड़ता है. खासकर जब आप लगातार क्रिकेट खेल रहे हों, तो आफ-सीजन का समय नहीं मिलता. उन्हें शारीरिक रूप से और मजबूत और फिट होना होगा, ताकि तेज गेंदबाजी के दबाव को झेल सकें. और इसके लिए उन्हें आफ-सीजन चाहिए. यह उन्हें पूरे सीजन में मजबूत बनाए रखेगा.”

बुमराह की चोट को देखते हुए, इस साल की शुरुआत में आस्ट्रेलिया दौरे पर उनके अधिक इस्तेमाल को लेकर चर्चा रही, जिसके कारण वह आईपीएल के बीच तक खेल से बाहर रहे. इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भी, जहां वह सिर्फ तीन टेस्ट खेल पाए, उन्होंने काफी गेंदबाजी की और फिर मैनचेस्टर में संघर्ष करने लगे.

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जब मैक्ग्रा से पूछा गया कि क्या भारत बुमराह को टेस्ट में अलग तरह से इस्तेमाल कर सकता है ताकि वह ज्यादा मैच खेल पाएं, तो उन्होंने कहा कि इसके लिए बाकी तेज गेंदबाजों का सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा, “आप चाहते हैं कि आपका सबसे अच्छा गेंदबाज गेंदबाजी करे. और वह हमेशा गेंदबाजी करना चाहेगा. अगर वह सिर्फ छोटे-छोटे स्पेल में गेंदबाजी करेगा, तो बल्लेबाजी टीम जान जाएगी कि तीन-चार ओवर निकाल लो, फिर आराम से खेल सकते हैं. यह बाकी गेंदबाजों पर निर्भर करता है. आपके पास तेज गेंदबाजों का एक ग्रुप होना चाहिए जो बराबर अच्छा गेंदबाजी करे, ताकि उसे लंबे स्पेल न डालने पड़ें. 

इस सवाल पर कि क्या बुमराह को सफेद गेंद क्रिकेट से दूरी बना लेनी चाहिए, मैक्ग्रा ने कहा, “वह वनडे और टी20 क्रिकेट में इतने प्रभावी हैं कि खुद को सिर्फ टेस्ट क्रिकेट तक सीमित करना अफसोसजनक होगा. लेकिन उन्हें खुद तय करना होगा कि उनके लिए क्या बेहतर है.”

मैक्ग्रा ने मौजूदा एंडरसन-तेंदुलकर ट्राफी में इस्तेमाल हो रही पिचों पर कोई आपत्ति नहीं जताई. एंडरसन-तेंदुलकर ट्राफी की पिचें बल्लेबाजों के लिए अनुकूल रही हैं और दोनों टीमों के गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. फिर भी, सभी चार टेस्ट अंतिम सत्र तक पहुंचे हैं. मैक्ग्रा ने कहा कि उन्हें बैजबाल के लिए इस्तेमाल हो रही पिचों से कोई दिक्कत नहीं है. 

उन्होंने कहा, “यह काफी हाई-स्कोरिंग रही है, जो इंग्लैंड की परिस्थितियों और ड्यूक गेंद के साथ थोड़ा असामान्य है. लेकिन यह एकतरफा नहीं रही. यह अच्छा, ठोस टेस्ट क्रिकेट रहा है. मजेदार रहा है, काफी करीबी मुकाबले हुए हैं. जाहिर है, वे चाहते हैं कि मैच जितना लंबा हो सके चले. मुझे कोई एतराज नहीं अगर पिचें थोड़ी फ्लैट हों, बशर्ते गेंदबाजों के लिए भी उसमें कुछ हो. और अगर मैच पांचवें दिन आखिरी वक्त तक जाता है, तो यह परफेक्ट है, है ना?”

उन्होंने आगे कहा, “ मुझे चिंता थी कि टेस्ट क्रिकेट थोड़ा संघर्ष कर रहा है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया-भारत और इंग्लैंड-भारत की सीरीज देखने के बाद मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट जिंदा और मजबूत है, खासकर इन तीन देशों में.

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