Bihar News: गया जिले के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक अच्छी खबर है. अब हेपेटाइटिस बी और सी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज जिले में ही संभव हो सकेगा. जयप्रकाश नारायण (JPN) सदर अस्पताल में जल्द ही हेपेटाइटिस के इलाज की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए अस्पताल में वायरल लोड जांच की मशीन लगाई जा रही है, जिससे मरीजों की स्थिति का सही अंदाजा लगाकर बेहतर इलाज दिया जा सकेगा.
इलाज की तैयारी सिविल सर्जन की निगरानी में
इस योजना की निगरानी खुद सिविल सर्जन कर रहे हैं. हाल ही में एक विशेष बैठक आयोजित की गई जिसमें संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. पंकज, डॉ. प्रियंका और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे. सभी ने मिलकर इलाज की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में चर्चा की.
अब तक 140 लोगों की जांच, सभी रिपोर्ट नेगेटिव
डॉ. एम.ई. हक ने बताया कि 28 जुलाई से चल रहे स्क्रीनिंग कैंप में अब तक 140 लोगों की जांच की गई है, जिनमें सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस का संक्रमण संक्रमित खून, असुरक्षित यौन संबंध और दूषित सुइयों के प्रयोग से फैलता है. खासकर यह बीमारी मां से शिशु में भी पहुंच सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं की जांच बेहद जरूरी है.
गर्भवती महिलाओं के लिए जांच की सुविधा हर प्रखंड में
प्रत्येक सरकारी अस्पताल और प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए जांच किट उपलब्ध कराए गए हैं. ये किट सिर्फ 15 मिनट में परिणाम दे देते हैं.
टीकाकरण ही सबसे कारगर सुरक्षा
डॉ. हक के मुताबिक, हेपेटाइटिस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है. जन्म के 24 घंटे के भीतर पहला टीका और फिर समय पर दो अन्य डोज देना जरूरी है. उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को भी यह टीका जरूर लगवाना चाहिए.
लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं
अगर किसी को मिचली, कमजोरी, भूख कम लगना या पीलिया के लक्षण दिखें, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें. JPN अस्पताल में इलाज की यह शुरुआत जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
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