BCCI on Jasprit Bumrah Workload Management: जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया का तुरुप का इक्का हैं. किसी भी फॉर्मेट में कोई भी कप्तान हो, जब भी विकेट की जरूरत हो, बुमराह तुरंत ही अपना जलवा दिखाते हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों से उन्हें समस्या हो रही है, जिसकी तपिश भारतीय टीम को झेलनी पड़ रही है. अब बीसीसीआई इस समस्या पर ध्यान देते हुए, अपनी नजरें इनायत कम करने वाला है. भारतीय क्रिकेट को कंट्रोल करने वाली बीसीसीआई जसप्रीत बुमराह के चयन को लेकर अपनी नीति में बदलाव पर विचार कर रहा है. संभव है कि अब उन्हें पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध रहने की शर्त रखी जाए, क्योंकि उनके वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण टीम की योजना बनाने में दिक्कतें आ रही हैं.
जसप्रीत बुमराह का इंग्लैंड दौरा तय योजना के मुताबिक तीन में से तीन टेस्ट खेलने के साथ समाप्त हो गया है. इंग्लैंड दौरे के दौरान शुरुआती सहमति के बावजूद टीम मैनेजमेंट को बुमराह की उपलब्धता तय करने में मुश्किलें आईं. फिलहाल वह ओवल में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में भारत की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं हैं. करीब दो महीने पहले जब चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट ने इस दौरे के लिए बुमराह को चुना था, तब इस व्यवस्था को मान लिया गया था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लेकिन अब खबर है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस नीति की समीक्षा कर सकता है.
बुमराह की फिटनेस रिपोर्ट मांगी जाएगी
टीम मैनेजमेंट, हालांकि दौरे की शुरुआत में ही यह बात सार्वजनिक थी कि बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट खेलेंगे, लेकिन उन्होंने ओवल में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट से एक दिन पहले तक उनकी अनुपलब्धता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की. सूत्रों के अनुसार, लंबे सीरीज की योजना बनाते समय यह तय न होना कि बुमराह कौन से मैच खेलेंगे और कौन से नहीं, वर्कलोड मैनेजमेंट के लिहाज से चुनौतीपूर्ण था. इसी वजह से अब बीसीसीआई इस नीति में बदलाव कर बुमराह के चयन के लिए तभी विचार करेगा, जब वह पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध हों. साथ ही, यह भी तय किया जा रहा है कि हर चयन बैठक से पहले मेडिकल टीम बुमराह की फिटनेस रिपोर्ट दे.
ये भी पढ़ें:- कौन हैं ग्लैमरस इंफ्लुएंसर लैला फैसल? इस इंडियन क्रिकेटर के साथ डेटिंग का मचा है शोर
इस साल भारत को अब कोई पांच टेस्ट की सीरीज नहीं खेलनी है. सिर्फ वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो-दो टेस्ट की घरेलू सीरीज है. रिपोर्ट में बताया गया कि बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, “स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच हर खिलाड़ी के लिए वर्कलोड की सीमा तय कर सकते हैं, लेकिन बुमराह की उपलब्धता उनकी फिटनेस पर निर्भर होनी चाहिए, जिसका आकलन मेडिकल टीम करेगी.”
स्टोक्स की चोट से सीखी टीम इंडिया
मैनचेस्टर टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने तीन दिनों में कुल 33 ओवर फेंके थे. आखिरी टेस्ट मैच से पहले शुभमन गिल ने बताया था कि पिच काफी हरी नजर आ रही है, इसलिए बुमराह की उपलब्धता पर फैसला टेस्ट की सुबह ही लिया जाएगा. इस बीच, लॉर्ड्स टेस्ट के अंतिम दिन इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स ने लगातार दो बार 10-10 ओवर के लंबे स्पेल फेंके, जिससे बुमराह के सीमित वर्कलोड की तुलना शुरू हो गई. टीम प्रबंधन मैनचेस्टर में बुमराह को खिलाने की ओर इसलिए झुक गया था क्योंकि बीच के अंतराल में आकाश दीप और अर्शदीप सिंह चोटिल हो गए थे. हालांकि, स्टोक्स ने वहां अपनी शारीरिक सीमाओं से आगे जाकर गेंदबाजी की और नतीजतन चोटिल होकर मौजूदा आखिरी टेस्ट से बाहर हो गए. संभव है, इस घटनाक्रम से बुमराह और भारतीय टीम प्रबंधन ने भी वर्कलोड मैनेजमेंट का सबक लिया हो.
फिलहाल बुमराह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. भारत को ओवल में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करना पड़ रहा है. ऐसे में बुमराह की कमी भारत को महसूस होगी या नहीं यह दूसरे दिन के बाद पता ही चल जाएगा. वहीं पहले दिन के खेल की बात करें, तो टीम इंडिया ने 6 विकेट के नुकसान पर 204 रन बनाए हैं. ओवरकास्ट कंडीशंस में भारतीय बल्लेबाजी बिखर गई, हालांकि करुण नायर ने फिफ्टी ठोककर भारत को आरामदेह स्थिति में पहुंचाया.
ये भी पढ़ें:-
इंग्लैंड को लगा झटका, 5वें टेस्ट से बाहर हो सकता है यह बॉलर, IND vs ENG सीरीज में फेंकी हैं सबसे ज्यादा गेंद
पाकिस्तानी गेंदबाज ने मचाया तहलका, 6 गेंद में झटके 3 विकेट, लगातार छठवां मैच हारा वेस्टइंडीज
3149 दिन बाद करुण ने जड़ी फिफ्टी, 2 50+ स्कोर के बीच इतने गैप वाले बने चौथे बैटर, पहले नंबर पर है यह इंडियन