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डायग्नोसिस और सर्जरी में पूरी तरह क्लिनिकल रहें, व्यवहार में क्लिनिकल न बनें, एम्स देवघर में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू


AIIMS Deoghar Convocation: डायग्नोसिस और सर्जरी में आप पूरी तरह से क्लिनिकल बनिये, लेकिन व्यवहार में क्लिनिकल मत बनिये. ये बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार 31 जुलाई 2025 को बाबानगरी देवघर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देवघर के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि अच्छा डॉक्टर बनना बड़ी बात है, लेकिन अच्छा इंसान बनना, उससे भी बड़ी बात है.

एम्स देवघर के विकास से मेरी विशेष स्मृतियां जुड़ी हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि एम्स देवघर के विकास से उनकी विशेष स्मृतियां जुड़ी हैं. वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा से इस संस्थान का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. उस समय वह (द्रौपदी मुर्मू) झारखंड की राज्यपाल की हैसियत से यहां मौजूद थीं. आज जब प्रथम दीक्षांत समारोह हो रहा है, तो भी वह यहां मौजूद हैं.

AIIMS Deoghar Convocation: राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को दी बधाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आशा करती हूं कि आज के दीक्षांत समारोह के साथ कल्चर और एक्सलेंस का शुभारंभ हो रहा है. उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को बधाई दी. साथ ही उनके परिजनों, एम्स देवघर के प्राध्यापकों की भी सराहना की.

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एम्स देवघर में पढ़ने वालों में लड़कों के बराबर हैं लड़कियां

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले स्टूडेंट्स में बेटियां अधिक हैं. उन्होंने कहा कि एम्स देवघर में छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग समान हो गयी है.

एम्स में प्रवेश पानी कुशल डॉक्टर बनने की गारंटी – राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि एम्स में प्रवेश पाना और शिक्षा हासिल करना इस बात की गारंटी मानी जाती है कि आप एक कुशल डॉक्टर बनें. आपको अच्छा डॉक्टर बनना है. अच्छे डॉक्टर में सेंसिटिव कम्युनिकेशन की क्षमता भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमने ऐसे डॉक्टर भी देखे हैं, जिनसे मिलने के बाद मरीज और उनके परिजन बेहतर महसूस करने लगते हैं.’

आप भगवान के प्रतिनिधि हैं, जीवित भगवान हैं – द्रौपदी मुर्मू

उन्होंने कहा कि डायग्नोसिस और सर्जरी में आप पूरी तरह क्लिनिकल रहिये, लेकिन व्यवहार में क्लिनिकल मत रहिये. सौहार्द के साथ सलाह दीजिए. राष्ट्रपति ने कहा कि हम भगवान को मानते हैं. बाबा बैद्यनाथ को मानते हैं, लेकिन उनके हाथ-पैर नहीं हैं. आप भगवान के प्रतिनिधि हैं. इसलिए आप जीवित भगवान हैं.

‘समाज ने आपको जो स्थान दिया है, उसका सदुपयोग करें’

उन्होंने कहा कि एक अच्छा डॉक्टर बनना बड़ी बात है. एक अच्छा इंसान बनना और भी बड़ी बात है. आप अनगिनत लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं. प्रकृति और परिस्थितियों और आपकी कुशलता और परिश्रम ने आपको समाज में जो स्थान दिया है, उसका सदुपयोग करके आप समाज निर्माण में भी भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूंगी कि आप प्राथमिक चिकित्सा में भी अपना योगदान दें.’

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