Dalai Lama : तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक नेता को लामा कहते हैं. इनमे सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध होते हैं दलाई लामा . ‘दलाई’ शब्द का अर्थ है- महासागर और ‘लामा’ का गुरु या शिक्षक. ‘दलाई लामा’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘ज्ञान का महासागर’ या ‘महासागर जैसा ज्ञानी गुरु’. दलाई लामा के बारे में तिब्बतियों का विश्वास है कि इनका पुनर्जन्म होता है और इन्हे करुणा के बोधिसत्व अवलोकितेश्वर का अंश माना जाता है. परंपरागत रूप से दलाई लामा के पुनर्जन्म की खोज तभी शुरू होती है, जब वर्तमान दलाई लामा का निधन हो जाता है.
पुनर्जन्म के संकेत व वस्तुओं की पहचान अहम
दलाई लामा को खोजने की प्रक्रिया अक्सर कई वर्षों तक चल सकती है. दलाई लामा की मृत्यु के बाद, वरिष्ठ लामाओं द्वारा उनके पुनर्जन्म के संकेतों को समझने के लिए ध्यान और प्रार्थना की जाती है. संकेतों की खोज की जाती है. इनमें सपनों में आये संकेत, दलाई लामा के शव की दिशा, पवित्र झीलों में दिखाई देने वाले प्रतीक जैसे संकेत होते हैं. एक विशेष क्षेत्र में जन्मे बच्चे की खोज की जाती है, जिसमें पिछली पहचान वस्तुएं पहचानने की क्षमता और विशेष गुणों के आधार पर उसकी परीक्षा ली जाती है. वरिष्ठ लामाओं को जब विश्वास हो जाता है कि यह बच्चा पुनर्जन्म है, तो उसे नये दलाई लामा के रूप में घोषित कर दिया जाता है.
दो वर्ष की आयु में मिले थे वर्तमान दलाई लामा
वर्तमान 14वें दलाई लामा को उनके पूर्ववर्ती 13वें दलाई लामा की मृत्यु के 4 वर्ष बाद खोजा गया था. उस समय मौजूदा दलाई लामा की आयु 2 वर्ष थी. वरिष्ठ भिक्षुओं के नेतृत्व में खोज दल नये लामा की खोज करता है. वे उम्मीदवारों की परीक्षा लेते हैं और उन्हें पूर्ववर्ती लामा के समानों को पहचानने के लिए कहा जाता है. 14वें लामा ने 13वें लामा की चलने वाली छड़ी और एक ड्रम को पहचाना था.
खोज के बाद लेनी पड़ती है शिक्षा
ऐसा नहीं है कि लामा की खोज हो जाने के बाद उसे तुरंत उसी समय से गुरु या नेता की गद्दी पर बैठा दिया जाता है. नये लामा को कई वर्षों क शिक्षा और विहारों में रहकर प्रशिक्षण लेना होता है. वर्तमान दलाई लामा को शिक्षा ग्रहण करने के बाद 15 वर्ष की आयु में दायित्व सौंपा गया था.
चीन चाहता है दलाई लामा के चयन में हस्तक्षेप
चीन दलाई लामा के चयन में हस्तक्षेप करना चाहता है. चीन ने फिर दोहराया है कि दलाई लामा के अवतार में चीन के भीतर घरेलू खोज के सिद्धांत का पालन होना चाहिए. नये दलाई लामा का चयन स्वर्ण कलश से होना चाहिए. यह एक प्राचीन पद्धति है, जिसे कभी चिंग वंश के मंचू सम्राट तिब्बती लामाओं के चयन के लिए उपयोग करते थे, ताकि उत्तराधिकार प्रक्रिया पर अधिक नियंत्रण स्थापित किया जा सके. इस कलश के माध्यम से जब पुनर्जन्म लेने वाले लामा का चयन किया जायेगा, तो उस चयन को चीनी सरकार से मंजूरी लेनी होगी.
जारी रहेगी दलाई लामा संस्था
अपने 90वें जन्मदिन के आयोजन के दौरान 14वें दलाई लामा ने पुष्टि की है कि दलाई लामा संस्था आगे भी जारी रहेगी और उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार भारत में स्थित गदेन फोद्रंग ट्रस्ट को है. अपने आध्यात्मिक उत्तराधिकार की प्रक्रिया की निगरानी के लिए दलाई लामा ने इस ट्रस्ट की स्थापना की है.
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