Video : इजराइल के साथ युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई नजर आए. माना जा रहा है कि वे अब तक एक सुरक्षित बंकर में थे. खामेनेई तेहरान में आशूरा की पूर्व संध्या पर आयोजित एक शोक धार्मिक समारोह में शामिल होने आए थे. ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, खामेनेई को एक मस्जिद में लोगों से मिलते और उनका स्वागत करते देखा गया. वहां मौजूद लोग इमाम हुसैन की शहादत की बरसी मना रहे थे, जो शिया मुसलमानों के लिए एक अहम दिन होता है.
86 साल के खामेनेई भीषण युद्ध के बीच सार्वजनिक जगह पर नहीं दिखे थे. राज्य टीवी पर उनके भाषण को दिखाया गया था. इसमें भी वे अपने आवास और दफ्तर के पास एक मस्जिद में शोक मनाने वालों को हाथ हिला कर और सिर हिलाकर जवाब देते दिखे थे.
खामेनेई की सुरक्षा का खास इंतेजाम किया गया
खामेनेई का युद्ध के दौरान सार्वजनिक रूप से न दिखना उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम को दिखाता है. उन्होंने उस समय कोई बयान नहीं दिया, जब शोक समारोह में इमाम हुसैन की शहादत याद की जा रही थी, जो शिया इस्लाम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस समारोह में ईरान के संसद के अध्यक्ष सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे. सुरक्षा व्यवस्था बहुत कड़ी थी और यह साफ देखा जा सकता था कि सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया था.
26 जून को संघर्ष विराम के बाद क्या बोले खामेनेई
जब अमेरिका ने ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु जगहों पर बमबारी की और युद्ध में खुद को शामिल किया. उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए खामेनेई को चेतावनी दी कि अमेरिका उन्हें जानता है लेकिन फिलहाल उन्हें मारने की कोई प्लान नहीं बना रहा है. 26 जून को संघर्ष विराम शुरू हुआ. इसके बाद खामेनेई ने कई दिनों बाद अपनी पहली सार्वजनिक बात की. उन्होंने पहले से रिकॉर्ड किए गए बयान में कहा कि तेहरान ने कतर में अमेरिकी हवाई अड्डे पर हमला करके अमेरिका को “मुंह की चोट” दी है. साथ ही उन्होंने अमेरिका और इजराइल को ईरान पर और हमले करने से मना किया.