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भाजपा का ‘सामाजिक न्याय कार्ड’ जातीय जनगणना के बहाने पिछड़ों को साधने की नई रणनीति


अनुज शर्मा/ Bihar Politics: पटना. जातीय जनगणना को लेकर भाजपा अब सीधे सामाजिक न्याय की ज़मीन पर अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है. बिहार भाजपा कार्यालय में शनिवार को हुए विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय के लिए औपचारिक आभार जताने के बहाने एक बड़ी राजनीतिक रणनीति भी स्पष्ट हुई. कार्यक्रम में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद के. लक्ष्मण ने जोर देकर कहा– “मोदी सरकार ने जो सम्मान पिछड़ों और अति पिछड़ों को दिया है, वह पहले कभी नहीं मिला. हम केवल घोषणाएं नहीं करते, काम कर के दिखाते हैं. जातीय जनगणना इसका प्रमाण है.” उन्होंने कहा कि इस फैसले से सरकार योजनाओं को और ज्यादा प्रभावी बना सकेगी.

ओबीसी कार्ड पर भाजपा का जोर

कार्यक्रम में जिस तरह जातीय जनगणना को नीतिगत बदलाव और विकास की योजना से जोड़ा गया, वह साफ संकेत है कि भाजपा अब ओबीसी वर्ग के सामाजिक प्रतिनिधित्व के सवाल को राजनीतिक ताकत में बदलना चाहती है. के. लक्ष्मण ने मोदी सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों को गिनाते हुए 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालना और ग्रामीण आधारभूत संरचना को सबसे बड़ी सफलता बताया.

बिहार में एक करोड़ लोगों को पक्का मकान मिलेगा : सम्राट चौधरी

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में पहले ही जातीय गणना एनडीए सरकार करा चुकी है. उन्होंने कहा- अब केंद्र ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रहे हैं. बिहार में हम एक करोड़ लोगों को पक्का मकान देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा.”

हमारा कर्तव्य अंतिम व्यक्ति को ऊपर उठाना : विजय सिन्हा

वहीं उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एनडीए सरकार ने अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम किया है. उन्होंने कहा हमारा धर्म और कर्तव्य है कि जो गरीब सबसे नीचे है, उसे ऊपर लाएं. जातीय जनगणना का मकसद भी गरीबों की सही पहचान और उन्हें ऊपर उठाने की कोशिश है.

पिछड़ों को अपने पाले में लाने की पूरी तैयारी

भाजपा की यह पहल उस समय सामने आई है जब बिहार में सामाजिक न्याय की राजनीति लंबे समय से क्षेत्रीय दलों की ताकत रही है. लेकिन जातीय जनगणना के मुद्दे पर सीधी राजनीतिक लड़ाई लड़ने की भाजपा की यह शुरुआत बताती है कि 2025 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी पिछड़ों को अपने पाले में लाने की पूरी तैयारी में है.

कार्यक्रम में के. लक्ष्मण के साथ संजय जायसवाल, रविशंकर प्रसाद, प्रेम कुमार, हरि सहनी, मंटू सिंह पटेल, भीम सिंह, अरुण शंकर, संजीव चौरसिया, निखिल आनंद, संगम लाल गुप्ता, सीता साहू समेत ओबीसी मोर्चा के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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