Jharkhand High Court | रांची, राणा प्रताप : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को हाइकोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने जल संसाधन विभाग के सचिव व मुख्य अभियंता द्वारा आदेश का पालन नहीं किये जाने पर नाराजगी जतायी. उन्हें चार सप्ताह में आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया.
अदालत को गुमराह कर रही सरकार- प्रार्थी
मामले की सुनवाई के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार, मुख्य अभियंता मो जमील अख्तर, अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार व कार्यपालक अभियंता रंजीत कुजूर सशरीर अदालत में मौजूद रहे. इससे पहले राज्य सरकार ने बताया कि प्रार्थी को वेतन दे दिया गया है. लेकिन प्रार्थी ने इसका विरोध किया. प्रार्थी ने अदालत को कहा कि सरकार गलत गणना कर अदालत को गुमराह कर रही है.
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क्या है याचिका
मालूम हो कि यह मामला जल संसाधन विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी से संबंधित है. तेनुघाट जल संसाधन विभाग के कार्यालय में चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्त लखन प्रसाद यादव से 20 सालों से तृतीय वर्ग के कर्मचारी का काम लिया जा रहा है. इस पर उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर तृतीय वर्ग के पद के समान वेतन की मांग की.
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SC ने हाईकोर्ट के आदेश को सही बताया
इस याचिका में लखन ने बताया कि चतुर्थ वर्ग के पद पर नियुक्त करने के बाद उनसे तृतीय वर्ग के पद का काम लिया जा रहा है. लेकिन वेतन चतुर्थ वर्ग का ही भुगतान किया जा रहा है. झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को तृतीय वर्ग का वेतन देने का निर्देश दिया. इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट तक गयी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के आदेश को सही बताया था.
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