China President Xi Jinping Missing: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो सप्ताह से सार्वजनिक जीवन से गायब हैं. मई के अंत और जून की शुरुआत से उन्हें किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या बैठक में नहीं देखा गया है. यहां तक कि चीनी सरकार के आधिकारिक मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ में भी उनकी कोई खबर नहीं छपी है, जबकि आमतौर पर वे रोजाना उसकी सुर्खियों में रहते हैं. इस दौरान चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कई विदेशी मेहमानों की मेजबानी की, लेकिन शी कहीं नजर नहीं आए. इससे चीन की राजनीतिक हलचल को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.
कम हो गई सुरक्षा, बदला गया माहौल (China President)
सूत्रों की मानें तो हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको के साथ शी जिनपिंग की मुलाकात सामान्य नहीं थी. न तो वहां वैसी भव्यता थी जैसी चीनी नेतृत्व के आयोजनों में होती है और न ही रेड कार्पेट स्वागत. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उनकी निजी सुरक्षा व्यवस्था भी पहले के मुकाबले आधी कर दी गई है. इसके साथ ही, उनके पिता की समाधि को मिला ‘आधिकारिक दर्जा’ भी खत्म कर दिया गया है. ये घटनाएं संकेत देती हैं कि शायद चीनी सत्ता में कुछ बड़ा बदलाव हो रहा है.
पीएलए जनरल झांग यूक्सिया से टकराव (Xi Jinping Missing)
चीन की सबसे ताकतवर सैन्य संस्था, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वरिष्ठ अधिकारी झांग यूक्सिया के साथ शी जिनपिंग के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. झांग वही जनरल हैं जिन्होंने जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन अब खबरें हैं कि वही झांग चीनी सत्ता की कमान अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के गुट का समर्थन भी प्राप्त है.
Xi Jinping के करीबी अधिकारी लापता
शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी या तो अचानक नजर नहीं आ रहे हैं या उन्हें उनके पदों से हटा दिया गया है. यह सब उस परंपरा की ओर इशारा करता है, जिसमें चीन में नेताओं को अचानक सत्ता से बेदखल कर दिया जाता है और उन्हें प्रतीकात्मक भूमिकाओं में सीमित कर दिया जाता है.
वांग यी हो सकते हैं अगला चेहरा? China President
चीनी राजनीति में एक नए संभावित नेता के रूप में वांग यी का नाम भी सामने आ रहा है. वांग को सुधारवादी छवि वाला नेता माना जाता है और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उन्हें शी के विकल्प के तौर पर तैयार किया जा रहा है.
क्या हू जिंताओ गुट ने शुरू किया सत्ता संघर्ष?
2022 की एक घटना अब दोबारा चर्चा में है, जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की एक बैठक में पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को कैमरों के सामने मंच से जबरन हटाया गया था. उस वक्त इसे शी जिनपिंग की ताकत का प्रदर्शन माना गया था, लेकिन अब ये अटकलें हैं कि वही हू जिंताओ गुट शायद इस बार पलटवार कर रहा है.
भारत को सतर्क रहने की चेतावनी (India Alert)
खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन की आंतरिक उठापटक बाहरी मोर्चे पर भी असर डाल सकती है. खास तौर पर पीएलए की पश्चिमी थिएटर कमान में हालिया फेरबदल के चलते अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ सकता है.हालांकि चीन से जुड़ी अंदरूनी जानकारी विश्व मीडिया के लिए रहस्य होती है, लेकिन शी जिनपिंग की रहस्यमयी अनुपस्थिति और सुरक्षा ढांचे में बदलाव इस ओर संकेत दे रहे हैं कि वहां राजनीतिक उथल-पुथल अपने चरम पर है. आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि क्या वाकई सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखी जा रही है या फिर यह सिर्फ दिखावे की एक चाल है.
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