IND vs ENG 2nd Test: एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना दबदबा कायम रखते हुए पहली पारी में 587 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया. इस विशाल स्कोर का श्रेय मुख्य रूप से कप्तान शुभमन गिल की मैराथन 269 रनों की पारी को जाता है. इसके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 87 और रवींद्र जडेजा ने 89 रनों का अहम योगदान दिया. वाशिंगटन सुंदर ने भी निचले क्रम में 42 रन बनाकर टीम को मजबूती दी. इंग्लैंड के खिलाफ भारत का यह प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा, लेकिन इसके बावजूद मैच जीतना आसान नहीं होगा. दरअसल, एजबेस्टन की पिच और ऐतिहासिक आंकड़े भारत के पक्ष में नहीं हैं. इस मैदान पर भारत को आज तक जीत नहीं मिली है. ऐसे में भारत को इतिहास के पन्नों पर नई इबारत लिखनी होगी.
भारत ने पिछली बार 2022 में यहां 400 से पार का स्कोर बनाया था, तब भी वे जीत नहीं सके थे. वहीं इस मैदान पर जब-जब किसी विदेशी टीम ने पहली पारी में 500 या उससे अधिक रन बनाए हैं, वे मुकाबले जीत नहीं सकीं. पाकिस्तान ने 1971 में एजबेस्टन में 608/7 पर पारी घोषित की थी, फिर भी मैच ड्रॉ रहा. वहीं, 2003 में साउथ अफ्रीका ने भी 594/5 रन बनाकर पारी घोषित की, लेकिन वह भी जीत नहीं पाया और मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि एजबेस्टन की विकेट बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होती है और चौथी पारी तक विकेट बहुत अधिक टूटती नहीं है, जिससे टूरिंग टीमों के लिए यहां जीत दर्ज करना बेहद कठिन हो जाता है.
एजबैस्टन में इंग्लैंड का बैटिंग रिकॉर्ड
दूसरी ओर इंग्लैंड की बात करें तो इस मैदान पर उनका रिकॉर्ड बेहद मजबूत रहा है. विशेषकर भारत के खिलाफ उसने 8 मैचों में 7 बार जीत दर्ज की है, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है. इंग्लिश टीम ने एजबेस्टन में जब-जब पहली पारी में 500 से ज्यादा रन बनाए हैं, उन्हें जीत मिली है. 1979 में भारत के खिलाफ 633/5 (पारी घोषित), 2004 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 566/9 (पारी घोषित), 1962 में पाकिस्तान के खिलाफ 544/5 (पारी घोषित) और 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 514/8 (पारी घोषित) रन बनाकर इंग्लैंड जीत दर्ज कर चुका है. इसका मतलब यह है कि घरेलू परिस्थितियों में इंग्लैंड न केवल बड़े स्कोर बनाता है बल्कि मैच भी खत्म करता है, जो उन्हें मनोवैज्ञानिक बढ़त देता है.
भारत की स्ट्रेटजी कैसी हो सकती है
अब बात करें तीसरे दिन की रणनीति की, तो भारत को इस ऐतिहासिक आंकड़ों को बदलने के लिए बेहद अनुशासित और आक्रामक गेंदबाजी करनी होगी. दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड का स्कोर 77/3 था, और जो रूट तथा हैरी ब्रूक क्रीज पर टिके हुए थे. भारत के पास अब भी 510 रनों की बढ़त है और अगर वे इंग्लैंड को 387 रनों से पहले ऑलआउट करने में कामयाब रहते हैं, तो उन्हें फॉलोऑन का विकल्प मिलेगा. यह स्थिति भारत के पक्ष में मैच को पूरी तरह झुका सकती है. इसलिए टीम इंडिया को तीसरे दिन जल्दी विकेट निकालने, फील्डिंग में कसावट बनाए रखने और लगातार दबाव बनाए रखने की जरूरत है.
स्पिन के लिए यह मैदान उतना अनुकूल नहीं दिखाई पड़ता. जबकि भारत के पास रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर जैसे विशेषज्ञ गेंदबाज हैं. गिल के पास तीन पेसर हैं, जिनका उनको बखूबी इस्तेमाल करना होगा. साथ ही भारत को अपनी फील्डिंग को भी ध्यान में रखना होगा. पिछले टेस्ट को हारने के पीछे यह भी एक कारण रहा था, ऐसे में यह एक एरिया जिस पर गिल एंड कंपनी को चौकसी बरतनी होगी. हालांकि इस टेस्ट में अब तक तीनों कैच भारत ने स्लिप में ही पकड़े हैं, जो लाजवाब रहे हैं.
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