RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन 04 से 06 जुलाई तक दिल्ली में आयोजित हो रहा है, जिसमें मुख्य रूप से संगठनात्मक विषयों पर चर्चा होने की बात बतायी जा रही है. बैठक में देशभर के सभी प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक एवं क्षेत्र प्रचारक तथा सह क्षेत्र प्रचारक उपस्थित रहेंगे. संघ की संगठन रचना में कुल 11 क्षेत्र एवं 46 प्रांत बनाये गये हैं. इस बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी शामिल होंगे. गत मार्च में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक के पश्चात संपूर्ण देश में अप्रैल, मई और जून मास में संघ के विभिन्न स्तरों के प्रशिक्षण वर्ग पूर्ण होने के पश्चात आगामी योजना के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की जा सकती है. आरएसएस के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ नागपुर में 02 अक्टूबर को विजयादशमी उत्सव के साथ होगा.
जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत भी उपस्थिति रहेंगे. इसके पश्चात अगले एक वर्ष तक शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम चलेंगे. उसी दिन देशभर में शाखा/मंडल/बस्ती के स्तर पर उत्सव आयोजित होंगे. एक अन्य विशेष अभियान के तहत स्वयंसेवक घर-घर जाकर संपर्क करेंगे. गृह संपर्क अभियान के दौरान स्वयंसेवक संघ साहित्य देकर वार्ता करेंगे. इन सारे विषयों पर इस बैठक में चर्चा और आगे की रणनीति पर विचार किये जाने की संभावना है.
शताब्दी वर्ष पर चर्चा मुख्य विषय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक में आने वाले विषयों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि शताब्दी वर्ष इस बैठक का मुख्य विषय है. सभी प्रांतों ने तैयारी की है, अपनी-अपनी योजना बनाई है. उस पर बैठक में चर्चा होगी. देशभर में नगर/खंड स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन होगा. इसमें विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोग एकत्रित होकर समाज से कुरीतियों को दूर करने, सद्भाव व समरसता को बढ़ाने के लिए चर्चा करेंगे. साथ ही जिला केंद्रों पर प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा. गोष्ठियों में हिंदुत्व, राष्ट्रहित, भविष्य के भारत के संकल्प को लेकर चर्चा होगी. शताब्दी के निमित्त युवाओं की सहभागिता की दृष्टि से विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होगा. बैठक के पश्चात इस संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी. यह बैठक कोई निर्णय लेने वाली बैठक नहीं है. प्रांतों में संगठन के कार्य की प्रगति व अनुभवों पर चर्चा होती है. कार्य विभागों के कार्य को लेकर भी चर्चा होती है. बैठक में सरसंघचालक, माननीय सरकार्यवाह की उपस्थिति रहती है. उनका मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त होता है. बैठक में सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे.
संघ से जुड़ने को युवा वर्ग में विशेष उत्साह
सुनील आंबेकर ने कहा, शताब्दी वर्ष के दृष्टिगत सरसंघचालक जी के प्रवास योजना पर भी चर्चा होगी. शताब्दी वर्ष के निमित्त सरसंघचालक जी के साथ विशेष संवाद कार्यक्रम देश के चाऱ प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु में आयोजित होंगे. जिसमें समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. समाज में संघ को जानने व संघ से जुड़ने के लिए विशेष उत्साह देखा जा रहा है. युवा वर्ग भी बड़ी संख्या में संघ से जुड़ने का इच्छुक है. शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने समाज के समक्ष पंच परिवर्तन का विचार रखा है, इसके अंतर्गत संपूर्ण समाज की सहभागिता से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना लक्ष्य है. सामाजिक समरसता के तहत समाज में सद्भाव बढ़े, परिवारों की पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली बने, स्व-बोध का गौरव, कुटुंब में आत्मीयता व संस्कारों का वर्धन, नागरिक कर्तव्यों के पालन के प्रति जागरूकता बढ़े. इसके लिए संघ के स्वयंसेवक समाज की सहभागिता से आगे बढ़ेंगे.