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विपक्ष के आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा, विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी


Election Commission: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दल लगातार आवाज उठा रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए ठीक चुनाव से पहले यह प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है. विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को इस मामले में चुनाव आयोग के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करायी. विपक्षी प्रतिनिधिमंडल के आरोप पर गुरुवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने विपक्षी प्रतिनिधिमंडल की चिंता, मुद्दे को सुना और उसपर गंभीरता से विचार किया गया. बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पारदर्शी तरीके से चल रहा है.

चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को बताया कि यह अभियान नियोजित, संगठित और चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है. ताकि सभी योग्य नागरिक को मतदाता सूची में शामिल किया जा सके. इस प्रक्रिया ने राजनीतिक दलों की ओर से 154977 बूथ लेवल एजेंट को नियुक्त किया गया है, ताकि प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रहे. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राजनीतिक दलों से और अधिक बूथ लेवल एजेंट तैनात करने की अपील की ताकि इस प्रक्रिया में आम लोगों की व्यापक पैमाने पर भागीदारी सुनिश्चित हो सके. कई चरण में प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव आयोग 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा. बिहार के सभी पंजीकृत दलों को मतदाता सूची की हार्ड और सॉफ्ट कॉपी मुफ्त में मुहैया होगी और इसे आयोग की वेबसाइट पर भी डाला जायेगा. अगर कोई मतदाता निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के फैसले से नाखुश है तो वह जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा 24(ए) के तहत 15 दिन के अंदर जिला अधिकारी के समक्ष आवेदन कर सकता है.

सोच-समझ कर लिया गया है फैसला 

चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण का फैसला काफी सोच-समझकर नियमों के तहत लिया गया है. इसके लिए इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है. पहले चरण में बिहार के मतदाताओं को 25 जून से 3 जुलाई तक इन्युमरेशन फार्म देने का काम किया गया. इसके लिए 77895 बूथ लेवल एजेंट की तैनाती हो चुकी है और जल्द ही 20603 बीएलओ को नियुक्त किया जायेगा. बीएलओ मतदाताओं के घर-घर जाकर इन्युमरेशन फार्म दे रहे हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट से भी इसे डाउनलोड किया जा सकता है. राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त बीएलओ भी रोजाना 50 सर्टिफाइड फार्म जमा करा सकते हैं. दूसरे चरण में इस फार्म को भरा जायेगा और 25 जुलाई तक इसे जमा करना होगा.

इस प्रक्रिया में मदद देने के लिए चार लाख वॉलंटियर्स लोगों की मदद करेंगे. जिसमें एनसीसी और सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे. वर्ष 2003 की मतदाता सूची में शामिल लोगों को सिर्फ इन्युमरेशन फार्म भरना होगा. बाकी मतदाताओं को 11 में किसी एक दस्तावेज को जमा करना होगा. तीसरे चरण में बीएलओ इन्युमरेशन फार्म को अपलोड करेंगे. मतदाताओं के लिए फार्म को ऑनलाइन जमा करने की भी व्यवस्था की गयी है. पांचवे चरण में अंतरिम मतदाता सूची जारी की जायेगी और मतदाता अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यह प्रक्रिया एक अगस्त से एक सितंबर तक चलेगी. फिर अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी.